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भगवान बुद्ध के ज्ञान से बच्चों को प्रेरित करें : काजल

हजारीबागः गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय मुकुंदगंज, हजारीबाग में शुक्रवार को भगवान बुद्ध की जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। साथ ही कॉलेज के 16वें वार्षिकोत्सव पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस मौके पर बी.एड. और डी.एल.एड. के प्रशिक्षुओं ने सतरंगी छटा बिखेर समां बांध दिया. दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष काजल यादव ने कहा कि भगवान बुद्ध के ज्ञान से बच्चों को प्रेरित करें. शांति के प्रतीक बुद्ध के सिद्धांतों को अपनाते हुए शिक्षक बच्चों के मनोबल को बढ़ाएं और उनका भविष्य संवारें। उन्होंने कहा कि सपने जरूर देखें और उसे पूरा करने का सार्थक प्रयास करें, मंजिल अवश्य मिलेगी।

बतौर विशिष्ट अतिथि झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि गौतम बुद्ध ने अपने भाव से मानव को उसकी शक्तियों और ऊर्जा से अवगत कराया। उन्होंने आयोग की ओर से इस कॉलेज के प्रशिक्षुओं का हौसला बढ़ाने के लिए पुरस्कृत करने की बात कही।

झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य रूचि कुजूर ने लर्न, अर्न और रिटर्न की वकालत करते हुए कहा कि समाज के उत्थान में भगवान बुद्ध की बड़ी भूमिका रही. उन्होंने शिक्षकों को बुद्ध की प्रेरणा का पाठ बच्चों में समाहित करने की बात कही।

विनोबाभावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ बंशीधर रूखैयार ने कहा कि गौतम बुद्ध का सभ्यता के विकास में अहम योगदान है। वह दुनिया के पहले दार्शनिक थे जिन्होंने संगठित रूप से धर्म का प्रचार किया।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि हथियारों की होड़ विश्वशांति के लिए चुनौती है। भगवान बुद्ध के पदचिह्नों पर चलकर ही मानवता को बचाया जा सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखंड सरकार से सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव सुदर्शन प्रसाद सिंह ने कहा कि बुद्ध के बताए मार्ग पर चलकर ही हम मानवता का कल्याण कर सकते हैं।

कॉलेज प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि बुद्ध ने हम शब्द की उत्पत्ति की और अहंकार मिटाने का ज्ञान दिया। वह विश्व के पहले गुरु थे। बिहार की पहचान भगवान बुद्ध से ही है। झारखंड भी बुद्ध की ही धरती रही है। उन्होंने अपने उपदेश में मध्यम मार्ग अपनाने पर जोर दिया।

इससे पहले कॉलेज प्रबंधन समिति के सचिव मिथिलेश मिश्र ने स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास से उपस्थिजनों को अवगत कराया। अतिथियों ने बीएड और डीएलएड टॉपर को पुरस्कृत किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार ने किया।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बांधा समां, बुद्ध के जीवन सार बताए

कॉलेज के वार्षिकोत्सव पर बी.एड. और डी.एल.एड. के प्रशिक्षुओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर समां बांध दिया. मोमिता गांगुली और समूह ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया.

लिसा व समूह ने मधुरम-मधुरम…प्रार्थना नृत्य, विशाल व समूह ने ओ-ओ जाने जाना…समूह नृत्य, स्वीटी कुमारी ने एकल नृत्य, अलका सोरेन व समूह ने असमिया नृत्य, ज्योति सोनी ने लावणी नृत्य और सन्नी व समूह ने नागपुरी नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।

वहीं आकाश कुमार ने बुद्ध का जीवन परिचय, सुनील कुमार यादव ने बौद्ध दर्शन, अर्जुन कुमार ने बौद्ध धर्म की लोकप्रियता और रिशु राज ने बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता पर अपने-अपने विचार रखे। मंच संचालन प्रशिक्षु रिया, प्रीति कुमारी, मुकेश कुमार मंडल और निशा कुमारी ने संयुक्त रूप से किया।

मौके पर कॉलेज के संरक्षक विभावि सिंडिकेट के पूर्व सदस्य सांवरमल अग्रवाल, उज्ज्वल भारत ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अजय सिंह, मार्खम कॉलेज के प्राध्यापक डॉ गजेंद्र सिंह, रांची विवि के व्याख्याता जयप्रकाश, संत कोलंबा कॉलेज के प्राध्यापक डॉ राजकुमार चौबे, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के नवीन कुमार, ऑब्जर्वेशन होम के इंचार्ज जयप्रकाश यादव, कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ प्रमोद प्रसाद समेत सभी प्राध्यापक, शिक्षकेत्तरकर्मी और प्रशिक्षु मौजूद थे।

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