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जैप वन के बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की जयंती मनायी गयी

रांचीः अहिंसा परमो धर्म के महान प्रवर्तक तथागत भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव के पावन अवसर पर जैप वन डोरंडा में अवस्थित बौद्ध मंदिर में पूजा अर्चना के साथ भगवान बुद्ध की जयंती मनाई गई।

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव अपने सहयोगी आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, रोहित प्रियदर्शी उरांव,शिव उरांव एवं मेंहुल दूबे के साथ भगवान बुद्ध की मंदिर पहुंचे पूजा अर्चना की, दीप प्रज्वलित किया एवं लामाओं से आशीर्वाद लिया एवं राज्य की खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की।

झारखंड की राजधानी रांची के डोरंडा में बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा जैप वन के सहयोग से भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के बुद्ध का संदेश हमें अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है।

डॉ उरांव ने कहा विशेषकर युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाने की जरूरत है और इस काम में बौद्ध के अनुयायियों का सबसे महत्वपूर्ण एवं अतुलनीय योगदान साबित हो सकता है, क्योंकि सत्य और अहिंसा के बुद्ध का मार्ग ही सही रास्ता है।

इसके पूर्व पूर्वाहन 10:30 बजे जैप वन के समादेष्टा वाईएस रमेश सपत्नीक एवं झारखंड प्रदेश पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने भगवान बुद्ध की मूर्ति पर पुष्प अर्पित की एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। तत्पश्चात कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष पामेन जिम्बा के नेतृत्व में  मस्तक पर गोमांग रखकर शोभायात्रा निकाली गई जिसमें कुछ दूर तक समादेष्टा वाईएस रमेश एवं पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे भी शोभायात्रा में शामिल हुए।

अपने संदेश में जैप वन के समादेष्टा वाईएस रमेश ने कहा गौतम बुद्ध एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे संसार को शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया था। जब पूरा भारत हिंसा और अशांति, अंधविश्वास के बेड़ियों में जकड़ा था। तब गौतम बुद्ध ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने लोगों को इन बेड़ियों से मुक्त किया।

पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा जब समाज में अत्याचार, अनाचार,अशान्ति, अज्ञान,अंध विश्वास और रूढ़ियां जड़ जमा लेती हैं, तब कोई न कोई महापुरूष समाज में इन कुरीतियों को दूर करने के लिए जन्म लेता है। महात्मा गौतम बुद्ध भी ऐसे ही काल में पैदा हुए थे जब समाज में अनेक प्रकार की कुरीतियों अपना दुष्प्रभाव दिखा रही थीं। उन्होंने अहिंसा, प्रेम, शांति और त्याग का संदेश देकर समाज से कुरीतियों को दूर करने का प्रयत्न किया था। पासवा उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने भी भगवान बुद्ध के आदर्शो को अपनाने पर बल दिया।

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