राष्ट्रपति ने मुंबई हमले के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी
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हमें वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनना है
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संविधान ही हमारे लोकतंत्र की आधारशिला
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शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है
नईदिल्लीः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशवासियों से संवैधानिक आदर्शों को आचरण में लाने तथा मौलिक कर्तव्यों का पालन करने की अपील करते हुए वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का राष्ट्रीय लक्ष्य हासिल करने को कहा है।
श्रीमती मुर्मु ने संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को यहां संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 75 वर्ष पहले, आज ही के दिन, संविधान सदन के इसी सेंट्रल हॉल में, संविधान सभा ने एक नए स्वतंत्र देश के लिए संविधान बनाने का बड़ा काम पूरा किया था।
उस दिन, संविधान सभा के माध्यम से, हम, भारत के लोगों ने, इस संविधान को अपनाया, अधिनियमित किया और खुद को समर्पित किया। हमारा संविधान हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की मजबूत आधारशिला है। हमारा संविधान हमारी सामूहिक और व्यक्तिगत गरिमा सुनिश्चित करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है।
देश के दूरदर्शी संविधान निर्माताओं ने बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुरूप नये विचारों को अपनाने की व्यवस्था प्रदान की थी। देश ने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय और समावेशी विकास से संबंधित कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि एक नए दृष्टिकोण के साथ, भारत विदेशी राष्ट्रों के समुदाय में एक नई पहचान अर्जित कर रहा है।
संविधान निर्माताओं ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का निर्देश दिया था और आज भारत एक अग्रणी अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ विश्व-बंधु की भूमिका भी बखूबी निभा रहा है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि लगभग तीन-चौथाई सदी की संवैधानिक यात्रा में, देश संविधान निर्माताओं की अपेक्षा के अनुसार क्षमताओं को दिखाने और परंपराओं को विकसित करने में उल्लेखनीय हद तक सफल हुआ है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमने जो सबक सीखा है, उसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2015 से हर साल संविधान दिवस मनाने से युवाओं के बीच संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने सभी साथी नागरिकों से संवैधानिक आदर्शों को अपने आचरण में अपनाने का आग्रह करते हुए मौलिक कर्तव्यों का पालन करने और वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के राष्ट्रीय लक्ष्य के प्रति समर्पण के साथ आगे बढने को कहा।
राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर सभी देशवासियों ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। अगले वर्ष 26 जनवरी को देश गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मनायेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के समारोह हमें अब तक की यात्रा की समीक्षा करने और आगे की यात्रा के लिए बेहतर योजना बनाने का अवसर प्रदान करते हैं।
ऐसे समारोह हमारी एकता को मजबूत करते हैं और दिखाते हैं कि राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के अपने प्रयासों में हम सभी एक साथ हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि उच्च न्यायालय के प्रयासों से देश की न्यायपालिका हमारी न्यायिक प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केन्द्रीय मंत्री, सांसद और विदेशी राजनयिक भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने मुंबई आतंकवादी हमले का डटकर सामना करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों तथा हमले में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रपति ने मंगलवार को अपने संदेश में कहा, 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों की बरसी पर, मैं पूरे देश के साथ उन बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई और उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त करती हूं।
कृतज्ञ राष्ट्र अपने बहादुर सुरक्षा कर्मियों को सलाम करता है, जिन्होंने हमारे लोगों की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह उस संकल्प को भी दोहराने का दिन है कि भारत आतंकवाद को उसके सभी रूपों में हराने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।