नये तरीके से गायों की तस्करी का भंडाफोड़, पांच गिरफ्तार
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नदियों की उफान का फायदा उठा रहे थे
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रोकने के लिए कई राउंड फायरिंग की
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गिरफ्तार लोग जेल भेज दिये गये हैं
राष्ट्रीय खबर
मुर्शिदाबादः बांग्लादेश में फिर गायों की तस्करी की कोशिश असफल कर दी गयी। दरअसल हाल की कुछ घटनाओं की वजह से बीएसएफ पहले से ही इस बारे में सतर्क थी। इसलिए गौ तस्करी को रोका गया और 32 गायों को बरामद करने के अलावा दो बांग्लादेशी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
अधिक बारिश की वजह से भागीरथी और पद्मा का जलस्तर बढ़ने से भौगोलिक सीमाएं मिट गई हैं। बिना बाड़ वाली नदी के रास्ते मवेशियों की तस्करी करने की कोशिश करते समय सीमा प्रहरियों ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
बीएसएफ सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में से दो बांग्लादेशी हैं। कार्रवाई में 32 मवेशी बरामद किये गये। उन्हें पुनर्वास केंद्रों में भेज दिया गया है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को काकवोर में मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक चौकी केदारीपथ पर ड्यूटी पर तैनात 88वीं बटालियन ने तस्करों को देखा। सीमा से 500 मीटर दूर डोल्ला गांव के बाहर पांच-छह लोगों का समूह गाय लेकर जा रहा था। शक होने पर बीएसएफ जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की।
लेकिन बीएसएफ की बाधाओं को नजरअंदाज करते हुए वे लोग बांग्लादेश की ओर बढ़ते रहे। बीएसएफ ने उन्हें रोकने के लिए काफी नजदीक से कई राउंड फायरिंग की। इसके बाद संदिग्धों ने भागकर छिपने की कोशिश की। जवानों ने घटनास्थल को घेर लिया और तलाशी शुरू कर दी। कुछ देर बाद दो बांग्लादेशी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया। छह जानवरों को बचाया गया।
एक अन्य घटना में 20 गायों को बचाया गया। कथित तौर पर भागीरथी के बिना बाड़ वाले जलमार्ग से 115 बटालियन निमितिता-बाजितपुर तलताली क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र से गायों की तस्करी का प्रयास किया गया था। वहां तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किये गये लोग मुर्शिदाबाद के लोहापुर और मालदा के सुवापुर के निवासी बताये जा रहे हैं।
दोनों घटनाओं में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में से दो, मोहम्मद रुबेल और अमानुल्लाह, बांग्लादेश के नौगांव के निवासी हैं। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के प्रवक्ता एके आर्य ने कहा, खुफिया विभाग और सीमा रक्षक बल के जवानों ने पशु तस्करों को गिरफ्तार किया है। सीमाई इलाकों में अपराध पर शत-प्रतिशत नियंत्रण करने के लिए सेनाएं हमेशा प्रयासरत रहती हैं।