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राष्ट्रीय खबर
चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें मेयर चुनाव परिणामों को रद्द करने और एक सेवानिवृत्त एचसी न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई। यह घटनाक्रम चंडीगढ़ के मेयर चुनावों में भाजपा की जीत के कुछ ही घंटों बाद आया है, जिसमें उसने तीनों पदों पर कब्जा बरकरार रखा है, जिससे कांग्रेस-आप गठबंधन को झटका लगा है, जिसने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह याचिका आप पार्षद कुलदीप कुमार ने दायर की थी, जो मेयर पद के उम्मीदवार थे।
सूत्रों ने बताया कि याचिकाकर्ता ने पूर्ण धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की। मेयर पद का परिणाम घोषित होते ही चंडीगढ़ नगर निगम सदन में दो इंडिया ब्लॉक पार्टियों के पार्षदों ने हंगामा किया और सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए अगले चरण के चुनाव का बहिष्कार किया।
भाजपा उम्मीदवार मनोज सोनकर ने मेयर पद के लिए आप के कुलदीप कुमार को हराया, उनके प्रतिद्वंद्वी को मिले 12 वोटों के मुकाबले उन्हें 16 वोट मिले। आठ मत अवैध घोषित किये गये। भाजपा के उम्मीदवार कुलजीत संधू और राजिंदर शर्मा को क्रमशः वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद के लिए निर्वाचित घोषित किया गया, क्योंकि उन्हें 16-16 वोट मिले थे।
विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि चुनाव में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई, भाजपा ने इस आरोप को खारिज कर दिया। सूत्रों ने बताया कि मेयर चुनाव परिणाम को रद्द करने के अलावा, आप की याचिका में उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए चुनाव कराने के निर्देश देने की भी मांग की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई कदाचार न हो।
उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई संपूर्ण धोखाधड़ी की एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने मतपत्रों के रिकॉर्ड और मंगलवार को हुई चुनाव प्रक्रिया की कार्यवाही और वीडियोग्राफी सहित चुनाव की पूरी प्रक्रिया को सील करने और संरक्षित करने के निर्देश भी मांगे।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मतपत्र में कथित छेड़छाड़ को लेकर चंडीगढ़ मेयर चुनाव को चुनौती देने वाली आप पार्षद कुलदीप कुमार की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी है। मतदान के बाद भाजपा पार्षद मनोज सोनकर विजयी हुए थे। कुमार का आरोप है कि चुनाव उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर कराया गया और वह प्रार्थना करते हैं कि चुनाव नये सिरे से कराये जाएं। यह मामला आज जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की बेंच के सामने आया।