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ईद के मौके पर अपराध अनुसंधान के अफसर हटाये गये

  • काफी पहले से चार जिलों में होते थे अलग डीएसपी

  • सीबीटीम के डीएसपी को हटाने का औचित्य पता नहीं

  • संवेदनशील समझे गये जिलों पर ऐसा फैसला क्यों

दीपक नौरंगी

भागलपुर: मुख्यमंत्री जी ईद का त्यौहार के ऐसे समय पर इस तरह के निर्णय पर सवाल उठना लाजमी है अपराध अनुसंधान विभाग ने भागलपुर जैसे अति संवेदनशील जिले से डीएसपी कृष्ण कुमार को वापस अपराध अनुसंधान विभाग पटना मुख्यालय क्यों बुलाया। बड़ा सवाल, हमेशा जहां हर छोटी बड़ी बात पर सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता रहा है पुलिस के वरीय पदाधिकारियों की परेशानियां बढ़ती रही है।

ऐसी स्थिति में किन वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा भागलपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले से सीबी टीम से डीएसपी को वापस अपराध अनुसंधान विभाग पटना बुलाना कितना उचित निर्णय? सवालों के घेरे में है। भागलपुर ही नहीं विधि व्यवस्था के मामले में मोतिहारी जैसे महत्वपूर्ण जिले से भी अपराध अनुसंधान विभाग के डीएसपी संजय कुमार पांडे को भी वापस पटना अपराध अनुसंधान विभाग ने बुला लिया है।

उसी तरह गया जिला जो लगातार सुर्खियों में बना रहता है वहां से भी डीएसपी रामदुलार प्रसाद को वापस अपराध अनुसंधान विभाग बुला लिया गया। उसी तरह मुजफ्फरपुर जिला से भी विनीता सिन्हा डीएसपी अपराध अनुसंधान विभाग को पटना बुला लिया गया है लेकिन गुरुवार को 11 डीएसपी का तबादला हुआ है जिसमें से अपराध अनुसंधान विभाग की महिला डीएसपी विनीता सिन्हा को आर्थिक अपराध इकाई में डीएसपी के पद पर नियुक्त किया गया है।

आखिर ईद जैसे महत्वपूर्ण पर्व के दौरान इस प्रकार का निर्णय क्या एडीजी सीआईडी जितेंद्र कुमार साहब के द्वारा लिया गया है। यह निर्णय विधि व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए कहीं से भी अनुकूल नहीं दिखता है। बिना किसी कारण और बेवजह ऐसी निर्णय लेना कितना उचित है। त्योहारों के समय में अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात पुलिस पदाधिकारियों के माध्यम से पुलिस मुख्यालय के द्वारा महत्वपूर्ण सूचनाएं आदान-प्रदान दिए जाने का कार्य भी किया जाता है।

बताया जाता है कि जैसे कि भागलपुर जिले में सीबीटीम के अपराध अनुसंधान विभाग के डीएसपी कृष्ण कुमार सिंह की तैनाती थी। उनके अधीन कई महत्वपूर्ण केस जो सीआईडी के अधीन चल रहे हैं। इनको उन महत्वपूर्ण केस के मामलों की जांच का जिम्मा मिला हुआ था। दूसरी तरफ यदि भागलपुर जिले में कहीं बैंक डकैती होती है या हत्या लूट या अन्य कोई सामुदायिक माहौल बिगड़ने वाली बात होती है तो सीबी टीम के पुलिस पदाधिकारियों काम था कि घटना क्यों घटी है घटना कारण क्या है और इनमें कौन कौन अपराधी शामिल है, इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय सही समय पर बताना।

डीजीपी आर एस भट्टी ने सीआईडी विभाग के समीक्षा के तुरंत बाद ही ऐसा निर्णय क्यों लिया, यह स्पष्ट नहीं है। बताया जाता है कि दो दिन पहले बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी ने एडीजी सीआईडी जितेंद्र कुमार के विभाग की समीक्षा की है। पुलिस के अधिकारियों में चर्चा है वर्तमान डीजीपी के द्वारा ही चारों डीएसपी को जिले से हटाने का निर्णय लिया गया है।

आखिर चर्चा में कितनी सच्चाई है यह बता पाना कठिन होगा लेकिन अपराध अनुसंधान विभाग के चार जिले से डीएसपी जैसे महत्वपूर्ण पदाधिकारी को हटाना विधि व्यवस्था की स्थिति के अनुकूल नहीं माना जाएगा। आने वाले दिनों में यदि किसी कारण बस विधि व्यवस्था की स्थिति पर यदि सवाल उठेगा तो अपराध अनुसंधान विभाग के सी बी टीम के डीएसपी को क्यों हटाया गया यह सवाल भी जरूर उठाएगा। आखिर सीआईडी के एडीजी जितेंद्र कुमार और डीजीपी आर एस भट्टी के द्वारा लिया गया यह निर्णय किसी प्रकार से भी उचित नहीं माना जा रहा है।

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