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नईदिल्लीः जम्मू कश्मीर में सेना के वाहन पर बिजली गिरने की सूचना गलत साबित हुई है। पहले इसी बात के साथ बताया गया था कि इस हादसे में सेना के पांच जवान मारे गये हैं। अब सेना ने एक बयान में कहा, बिजली नहीं, कश्मीर में आतंकवादी हमले में पांच सैन्यकर्मी मारे गए हैं। सेना ने कहा कि हो सकता है कि भारी बारिश के कारण कम दृश्यता का फायदा उठाकर आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंका हो। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई और एक जवान घायल हो गया।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुई इस घटना को लेकर शुरुआत में असमंजस की स्थिति बनी रही। शुरुआत में लगा कि मौत सेना के वाहन पर बिजली गिरने से हुई होगी। लेकिन बाद में सेना ने बयान जारी कर कहा कि ग्रेनेड हमला सेना के वाहन पर हुआ था। इससे सेना के पांच जवानों की मौत हो गई।
सेना के उत्तरी कमान के मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे सेना का एक वाहन भीमबा गली से राजौरी सेक्टर के पुंछ की ओर जा रहा था। अज्ञात आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। भारी बारिश के कारण दृश्यता कम होने का फायदा आतंकियों ने उठाया। संभावना है कि ग्रेनेड हमले के कारण वाहन में आग लग गई।
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी हमले में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के सदस्य थे। उन्हें आतंकियों से लड़ने के लिए भेजा जा रहा था। सेना ने कहा कि एक अन्य सैनिक घायल हो गया। उसे जल्दी से बचा लिया गया और राजौरी के सेना अस्पताल भेज दिया गया। उनका इलाज चल रहा है। इलाके में तलाशी अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। मई में श्रीनगर में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक होने जा रही है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पिछले हफ्ते घाटी के हालात की समीक्षा की थी। उसी में यह घटना घटी।