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नक्सलियों के मांद में घुस कर सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें मार गिराया : डीजीपी

सत्येंद्र कुमार मित्तल

चतराः मुठभेड़ में चतरा पुलिस को मिली ऐतिहासिक सफलता की गूंज राज्य पुलिस मुख्यालय तक सुनाई पड़ी। मुठभेड़ में मिली सफलता के बाद राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह मंगलवार को हवाई मार्ग से चतरा के लावालौंग पहुंचे। जहां सबसे पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जिसके बाद डीजीपी का काफिला लावालौंग सीआरपीएफ कैंप पहुंचा।

जहां डीजीपी ने मुठभेड़ में शामिल जवानों का हौसला बढ़ाते हुए उनके बीच इनाम की राशि वितरण की। तत्पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में झारखंड राज्य में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के विरूद्ध रणनीति युक्त लगातार करारा प्रहार किया जा रहा है।

शीर्ष उग्रवादियों की धर-पकड़ के लिए झारखंड पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे योजनाबद्ध नक्सल अभियान काफी प्रभावशाली सिद्ध हो रहे हैं। झारखंड के चतरा एवं पलामू के सीमांत इलाके में झारखंड पुलिस की गुप्त सूचना पर भाकपा माओवादी) के इस इलाके में सबसे सक्रिय एवं कुख्यात मारक दस्ते पर बड़ी कार्रवाई हुई है।

चतरा पुलिस, 203 कोबरा टीम तथा सीआरपीएफ 134 बटालियन के जवानों ने पांच शीर्ष नक्सलियों को मार गिराया है। इस संयुक्त अभियान में नक्सलियों का एक बड़ा कैंप भी ध्वस्त कर दिया गया है। अत्याधुनिक हथियार, गोलियों के जखीरे के साथ अन्य जरूरी समानों की भी बरामदगी हुई है। चतरा-पलामू सीमांत इलाके पर मिली बड़ी सफलता से  नकसलियों की कमर टूट गई है।

गौतम पासवान की टीम को माओवादियों के एक सशक्त दस्ते के रूप में जाना जाता था जो लगातार कई वर्षों से पुलिस बल एवं आम लोगों को क्षति पहुंचा रहा था। यह झारखंड पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता है। उग्रवाद उन्मूलन में झारखंड पुलिस की चौतरफा कार्रवाई जारी है। झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ कुशल नेतृत्व, रणनीति और दृढ़ संकल्प के साथ नक्सलियों के खात्म के लिए कटिबद्ध है। पुलिस का दावा है अन्य नक्सली भी पुलिस के गोली से घायल हुए जिसकी पड़ताल जारी है। मुठभेड़ के बाद चतरा जिला के पुलिस जावनो के हौसले बुलंद है। आगे भी नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलता रहेगा।

पुलिस से लूटे हुए एक एके 47 एवं एक इंसास राइफल बरामद

चतराः लावालौंग थाना क्षेत्र के रिमी पंचायत स्थित लोसोदाग नौडीहा जंगल में पुलिस एवं भाकपा माओवादियों के बीच हुए मुठभेड़ में लावालौंग पुलिस ने पांच दुर्दात नक्सलियों को मार गिराया है। उक्त विषय की जानकारी देते हुए प्रेसवार्ता के दौरान डीआईजी नरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि चतरा पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को गुप्त सूचना मिली थी, कि लोसोदाग नौडीहा जंगल के पहाड़ी इलाके में पांच शीर्ष उग्रवादी अपने दस्ते के साथ रुके हुए हैं।

सूचना मिलते ही कोबरा 203, सीआरपीएफ 134 बटालियन और लावालौंग थाना के  जवानों की टीम गठन कर नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया गया। इसकी भनक पाकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दिया। जवाबी फायरिंग में 5 दुर्दात नक्सली ढेर हो गए। जिसके बाद सर्च अभियान के दौरान नक्सलियों के शव के साथ साथ एक वर्ष पूर्व पुलिस से लूटे गए एक AK 47 और इंसास राइफल बरामद किया गया।

इसके अलावा मारे गए नक्सलियों के पास से एक AK-56 राइफल बरामद किया गया है। डीआईजी अनुसार एक वर्ष पूर्व प्रतापपुर में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के एक शहीद जवान का बदला भी पुलिस ने ले लिया है। आगे उन्होंने बताया कि आज की मुठभेड़ में कई नक्सली घायल भी हुए हैं। जो जंगल का लाभ उठाकर भाग गए। उनकी गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।

चतरा एसपी राकेश रंजन ने दी दो नक्सलियों को चेतावनी

चतराः मुठभेड़ में पांच शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने के उत्साह से लबरेज चतरा जिला के जांबाज और युवा पुलिस कप्तान एसपी राकेश रंजन ने चतरा- पलामू मध्य जोन में बचे बाकी नक्सलियों को कड़ी चेतावनी दी है। एसपी राकेश रंजन ने बताया कि अब इस क्षेत्र में शीर्ष स्तर के अब मात्र तीन नक्सली बचे है, वह भी पुलिस के रडार पर है।

जिसमे अरविंद भुइयां, मनोहर गंझू और इंदल का नाम शामिल है। एसपी ने बाकी बचे नक्सलियों से जल्द आत्मसमर्पण करने को कहा है, ताकि सभी अपने बचे हुए दिन घर- परिवार के साथ हंसी-खुशी से बिता सके। एसपी राकेश रंजन ने बाकी बचे नक्सलियों से समाज मुख्य धारा में जुड़कर सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाने की अपील की है।

वही एसपी ने चेतावनी भरे लफ्जो में आत्मसमर्पण नही करने पर नक्सलियों को बुरे अंजाम भुगतने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। नक्सलियों के विरुद्ध अभियान आगे भी जारी रहेगा।

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