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बोलो बोलो कुछ तो बोले सामने वाले .. …

बोलो बोलो कहते रह गये बेचारे, बार बार गुहार लगाते रहे कि मेरी भी बात सुन ली जाए। लेकिन अब तो बोल भी नहीं सकते क्योंकि सदस्यता ही चली गयी है। साफ है कि पहली बार में राहुल गांधी को मोदी जी, नहीं नहीं अमित शाह ने पटक दिया है। अब बेचारे कांग्रेसी बिलबिलाये फिर रहे हैं। ऊपरी अदालत में क्या होगा, यह बाद की बात है लेकिन एक पटखनी से पूरे कांग्रेस को चोट लगी है, यह साफ हो गया है। बहुत गालियां देते थे कि फलां को जिला बदर किया गया था। देखों भाई ने अपनी पहलवानी का कौन सा दांव चला है।

यह अलग बात है कि अखाड़े में राहुल गांधी को बनाये रखने में भी मोदी शाह की जोड़ी की जोरदार कोशिश है। दोनों अच्छी तरह जानते हैं कि अगर विपक्षी वोट का बंटवारा नहीं हुआ तो 2024 का रास्ता बहुत कठिन हो जाएगा। अब हिमाचल में एक मामूली की हार तो हो चुकी है। कर्नाटक से भी अच्छे संकेत नहीं आ रहे हैं।

गुजरात में उनके नाक में दम करने वाली आम आदमी पार्टी अब हरियाणा में पैर पसार रही है। मध्यप्रदेश में भी मामा जी के घर में झाड़ू नजर आने लगा है। टेंशन को दोनों तरफ है। इसलिए अडाणी पर साहब कुछ नहीं बोल रहे हैं। दूसरी तरफ राहुल ज्यादा बोल रहे थे तो उन्हें बोलने का मौका देने से ही रोक दिया है।

इसी बात पर एक पुरानी हिंदी फिल्म का गीत याद आ रहा है। यह जमाने को दिखाना है फिल्म का गीत है। इसे मजरूह सुलतानपुरी ने लिखा था और राहुल देव वर्मन ने संगीत में ढाला था। इसे स्वर दिया था आशा भोंसले और मोहम्मद रफी ने। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।

हैया हैया हा आ हैया हैया
बोलो बोलो कुछ तो बोलो सामने वाले ले गए बाजी
अरे हिम्मत करके आगे आओ दुनिया होगी तुमसे राजी
अरे हैया भैया हां आ हैया हैया
ओ हो हो बोलो बोलो कुछ
तो बोलो सामने वाले हे ले गए बाजी
अरे हिम्मत करके आगे आओ दुनिया होगी तुमसे राजी
हैया हैया हा आ हैया हैया
देखो गया वक़्त आता दुबारा नहीं
फिर ये न कहना किसी ने पुकारा नहीं
हो ओ ओ ओ ओ.. देखो गया
वक़्त आता दुबारा नहीं फिर ये न कहना किसी ने
पुकारा नहीं
हो बोलो बोलो बोलो! कुछ तो बोलो सामने
वाले ले गए बाजी
हैया हिया हां आ है
पूछो न यार क्या हुआ दिल का क़रार क्या हुआ
चक चक चचा चा चा

पूछो न यार क्या हुआ दिल का क़रार क्या हुआ
पूछो न यार क्या हुआ दिल का क़रार क्या हुआ
तुमपे तो हम मर मिटे हैं अभी से जाने हमारा आगे क्या होगा
अय्या यया या या या या या रु रु रु रु रु रु
तुमने प्यार से हमको एक बार कह डाला है यार तो निभा देना
इतना बेक़रार कोई भी नहीं देखो मेरा हाल देखते हो ना
देखो न यार क्या हुआ दिल का क़रार क्या हुआ
तुमपे तो हम मर मिटे हैं अभी से जाने हमारा आगे क्या होगा
पूछो न यार क्या हुआ..
हो हा हो हा हे हे हे हे हे
दिल पे था हमें कितना ऐतबार तुमसे
क्या कहें हम ये अफसाना दिल पे था हमें
कितना ऐतबार तुमसे क्या कहें हम ये अफसाना
कोई गुलबदन कोई नाजनीन कर सकता
नहीं हमको दीवाना
वो ऐतबार क्या हुआ दिल का क़रार क्या हुआ
तुमपे तो हम मर मिटे हैं अभी से
जाने हमारा आगे क्या होगा
पूछो न यार क्या हुआ

ये यी यै या यि यै यारा
ला ला ला ला ला ला ला -4 बार

कुल मिलाकर केस पूरा उलझा हुआ है। आरोप प्रत्यारोप तो इंडियन पॉलिटिक्स में आम बात है। खास बात सिर्फ अडाणी है, जो वाकई अंदर तक चूभ रहा होगा। 42 विदेशी कंपनियों के पैसे का हिसाब भी बाहर आ गया है।

ऊपर से सुप्रीम कोर्ट में हर बात में टांग फंसाकर परेशानी पैदा कर रहा है। अब तो चुनाव आयोग के बाद ईडी के निदेशक के सेवाविस्तार पर भी मिलॉर्ड ने टांग फंसा दिया है। कहीं फैसला उल्टा आया तो सरकार की परेशानी और बढ़ जाएगी।

कुल मिलाकर चुनावी नाटक का मंचन प्रारंभ होने के पहले से ही फिल्म के सस्पेंस का माहौल बनने लगा है। वइसे एगो कंफ्यूजन है कि कहीं भाजपा वाले दूसरे दलों और खासकर कांग्रेस को अपने विरोधियों को सबक सीखाने का नया तरीका तो नहीं सीखा रहे हैं।

ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स तो भाजपा वालों ने कांग्रेस से ही सीखा है। किसी भी पार्टी को तोड़कर अपनी सरकार बनाना भी कांग्रेस का प्रयोग रहा है। यह अलग बात है कि आज वहीं दांव अपने ऊपर चल रही है तो बेचारे कांग्रेसी दर्द के मारे बिलबिला रहे हैं।

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