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दोनों कथित मास्टरमाइंड सीबीआई की पकड़ से दूर
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उमेश सिंह के घर सुबह सुबह पहुंची सीबीआई टीम
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सीबीआई सुनते ही उमेश सिंह को आने लगे थे चक्कर
दीपक नौरंगी
भागलपुर: बिहार में सबसे बड़ा घोटाला भागलपुर के सृजन घोटाला जिसकी आवाज केंद्र तक के नेताओं की नींद उड़ा दी थी आखिर इस मामले में सीबीआई ने फिर एक छोटी मछली की गिरफ्तारी कर अपनी पीठ थपथपाना काम किया है?
सृजन घोटाले में सीबीआइ की विशेष टीम ने गुरुवार की सुबह सबौर थानाक्षेत्र के शांति नगर स्थित आवास से कर्मचारी उमेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी को पहुंची सीबीआइ की टीम जब उमेश के आवास पर दस्तक दी तब स्वजनों ने कहा वो सो रहे हैं।
परिजनों ने उक्त रूम तक सीबीआई के अधिकारियों को ले कर गए। बस इतने देर में हैं उमेश सिंह की नींद खुल गई और सीबीआई को देखते ही उसे चक्कर आने लगे पांच सदस्यीय सीबीआइ अधिकारियों की टीम ने गिरफ्तारी बाद उमेश की तबियत बिगड़ने की शिकायत बाद तुरंत लोकनायक जयप्रकाश सदर अस्पताल ने स्वास्थ्य जांच कराया।
स्वजनों ने हृदय और उच्च रक्तचाप का उन्हें रोगी बताया था। जांच में रक्तचाप कुछ बढ़ा मिला जिसे चिकित्सकों ने गिरफ्तारी प्रक्रिया की वजह से बढ़ना बताया है। जांच बाद सीबीआइ की टीम उमेश को जांच बाद पटना स्थित विशेष सीबीआइ अदालत में पेश करने के लिए ले गई।
उमेश का कोरोना जांच भी कराया गया जो निगेटिव पाया गया लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर पांच सालों से भी अधिक सृजन घोटाले को हो गया है इस मामले में किसी आईएएस और आईपीएस अधिकारी पर सीबीआई ने कार्रवाई नहीं की है।
और मास्टरमाइंड रजनी प्रिया और अमित कुमार अभी तक सीबीआई की पकड़ से दूर है ऐसे में सीबीआई की कार्यशैली को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं की सन 2017 के अगस्त महीने में पहले एफ आई आर दर्ज हुई थी और उसके कुछ दिनों के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था
उसके बाद सीबीआई टीम की कार्रवाई कछुए की चाल की तरह देखी जा रही है क्योंकि इस मामले में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का नाम लगातार सुर्खियों में रहा कई बड़े नेताओं का नाम चर्चा का विषय बना रहा लेकिन इस मामले में अभी तक सीबीआई ने किसी बड़ी मछली को गिरफ्तार नहीं किया है।