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गठबंधन का हिस्सा नहीं पर समर्थन होगा
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चार सीटों से कांग्रेस प्रत्याशी हटाये गये
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वाम मोर्चा ने 13 सीटें छोड़ दी है
सुभाष दास
अगरतलाः त्रिपुरा की चुनावी राजनीति हर दिन बदल रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यहां भाजपा के पक्ष में माहौल गर्म कर दिया था। उनका कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ही वाम मोर्चा और कांग्रेस ने नई चाल चली है।
जिस तिपरा मोथा को भाजपा ने दरकिनार कर दिया था, उसे इस नये गठबंधन ने अपने साथ कर लिया है। इससे कई इलाकों में जातिगत वोटों के समीकरण रातों रात बदल गये हैं। वाम मोर्चा और कांग्रेस के चुनावी तालमेल में शामिल नहीं होने के बाद भी तिपरा मोथा उनके साथ रहेगी लेकिन उनके गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। इस पर सभी पक्षों में सहमति हो गयी है।
सूचना बाहर आने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि इसकी कोशिश काफी पहले से अंदर ही अंदर चल रही थी लेकिन औपचारिक तौर पर किसी को इसकी भनक तक नहीं मिली थी। चुनाव कार्यक्रमों के एलान से पहले ही वाम मोर्चा और कांग्रेस की जुगलबंदी का एलान हुआ था। बाद में माकपा द्वारा एकतरफा सीटों के बंटवारे का एलान होने के बाद मामला खटाई में पड़ता हुआ दिखने लगा था।
बाद में इस गतिरोध को दूर किया गया। माकपा और कांग्रेस नेतृत्व ने भी अपने संगठन को इस हिसाब से काम करने का निर्देश भी जारी कर दिया। त्रिपुरा के दौरे पर आये भाजपा नेताओं ने तालमेल नहीं होन के बाद तिपरा मोथा को अलग कर दिया था।
इस बारे मे भाजपा की तरफ से यह बयान भी आया था कि इस संगठन को वोट देने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि वह सरकार बनाने की स्थिति में ही नहीं है। भाजपा के इस एलान का लाभ विरोधी गठबंधन ने उठा लिया और तिपरा मोथा को अपने साथ जोड़ लिया है। अब चुनाव में जो समीकरण मौजूद हैं, उसके मुताबिक वाम मोर्चा 45 सीटों पर और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि एक सीट पर वाम मोर्चा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी है।
तिपरा मोथा ने 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किय हैं। अब इस नये समीकरण के बाद वाम मोर्चा के प्रमुख जितेन चौधरी के केंद्र से तिपरा मोथा ने अपना प्रत्याशी हटा लिया है। यह संगठन अब राज्य के 24 से 26 सीटों पर अपनी ताकत लगायेगा। चार सीटों पर वे वाम मोर्चा और कांग्रेस के सांझ प्रत्याशी के पक्ष में रहेंगे।
त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वीरजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस 13 सीटों पर है जबकि चार से नाम वापसी हो चुकी है। वाम मोर्चा ने 13 सीटों से अपने प्रत्याशी वापस ले लिये हैं। तिपरा मोथा के कई प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं, जिन्हें इस मोर्चा के पक्ष में करने की जिम्मेदारी तिपरा मोथा के नेताओँ को दी गयी है।