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त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा: कम से कम 15 लोग घायल

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टीयों ने कमर कस ली हैं। इस व्यापक चुनाव पर विपक्ष से लेकर सत्ताधारी सरकार भी अपना होथ धोना चाहती हैं। इसलिए भारतीए जनता पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित भाजपा के सभी नेता कर्मियों ने आगामी  मेघालय, त्रिपुरा और नागालैंड में चुनावों को देखते हुए मोदी का मंत्र जाप कर रहा है।

भारतीय जनता पार्टी ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव अगले साल फरवरी में होने की उम्मीद है। अगरतला में भारतीए जनता पार्टी अधिकारी ने  कहा कि चुनाव आयोग ने हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित लगभग 5,000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को 15 बड़े कंटेनरीकृत ट्रकों द्वारा भेजा है।

हालांकि,अगले साल होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शाही घराने के प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व वाले तिपरा मोथा से गठबंधन की संभावना को शनिवार को खारिज कर दिया।

क्षेत्रीय संगठन ने वर्ष 2021 में त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्तशासी जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के चुनाव में जीत हासिल की और भाजपा तथा इसके सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को पछाड़ दिया।

दूसरी ओर ,त्रिपुरा में पुलिस ने गुरुवार सुबह सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच राजनीतिक हिंसा के सिलसिले में पांच कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन लोगों को अगरतला से करीब 30 किलोमीटर दक्षिण में सिपाहीजला जिला के विशालगढ़ के विभिन्न स्थानों से शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया।

बुधवार को घटित हुई हिंसा में पांच दमकल कर्मियों सहित कम से कम 15 लोग घायल हुए थे। पुलिस ने बताया कि भाजपा नेताओं की शिकायत के आधार पर बुधवार रात कम से कम 12 लोगों को हिरासत में लिया गया और प्रारंभिक जांच के बाद उनमें से पांच को अवैध हथियार रखने और आतंक का माहौल पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गुरुवार को फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विशालगढ़ के रौथखाला इलाके में दो देसी बम को निष्क्रिय किया। उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्जी के इलाके का दौरा करने और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद सुबह भारतीय अपराध संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 हटा ली।

कांग्रेस विधायक एवं वरिष्ठ नेता सुदीप रॉयबर्मन ने आरोप लगाया नियमित रूप से भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख और अन्य नेताओं के साथ मनोरंजन पार्टियां करते रहे हैं। वह भाजपा कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी को बढ़ावा दे रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), कांग्रेस और अन्य लोगों पर पर कम से कम 10 बड़े हमले हुए हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस ने किसी भी बदमाश के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पुलिस की अपराधियों के साथ मिलीभगत रही और स्थानीय पुलिस ने भी मामले की सूचना पुलिस महानिदेशक को बार-बार दी। पुलिस ने बुधवार शाम को भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सात आंसू गैस के गोले दागे और 19 राउंड गोलियां चलाईं।

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