तेहरानः ईरान के सैन्य ठिकाने पर हाल ही में हुए ड्रोन हमले के बारे में चर्चा होने लगी है कि यह हमला इजरायल के द्वारा किया गया था। यह हमला ईरान के एक सैन्य संयंत्र पर किया गया था। मध्य ईरान के शहर इशफाहान के इस ठिकाने पर हुए हमले से ईरान की वायु सुरक्षा पंक्ति में सेंधमारी का पता चल गया है।
ईरान सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि ड्रोन हमले से कोई नुकसान नहीं हुआ है। दूसरी तरफ अब अंदरखाने से यह खबर आ रही है कि इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ है। एक प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार ने वरीय गुप्तचर अधिकारी के हवाले से कहा है कि इसमें इजरायल की ही भूमिका रही है।
अमेरिकी सेना ने औपचारिक तौर पर सिर्फ यह बयान जारी किया है कि इस हमले से उसका कोई लेना देना नहीं है। ईरान और इजरायल दोनों के सैनिक प्रवक्ता इस बारे में कोई बयान देने से कतरा रहे हैं। इस ड्रोन हमले के बारे में सिर्फ यह पता चला है कि उस ठिकाने पर एक जोरदार विस्फोट हुआ था।
इस विस्फोट से भवनों को नुकसान पहुंचा है लेकिन किसी की जान नहीं गयी है। ईरान के मुताबिक यह बहुत छोटे आकार का ड्रोन था। इसलिए वह अपने साथ ज्यादा विस्फोटक भी नहीं ला सकता था। पता चला है कि वहां एक से अधिक ड्रोनों का हमला हुआ था।
इनमें से सिर्फ एक ही ठिकाने तक पहुंचकर विस्फोट कर पाया। शेष दो ड्रोनों को वहां के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही नष्ट कर दिया था। जिस सैन्य ठिकाने पर यह हमला हुआ है, उसकी छत को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। यह सैन्य कारखाना तेहरान से 440 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
हाल के वर्षों में ईरान के सैन्य ठिकानों पर विस्फोट और संदिग्ध आगजनी की कई घटनाएं हुई हैं। जुलाई 2020 में ईरान के परमाणु कॉंप्लेक्स में भी रहस्यमय तरीके से आग लग गयी थी। इसके बाद एक बार ईरान के इसी कॉंप्लेक्स में बिजली गुल हो गयी थी। जिसके बारे में ईरान की सरकार ने आतंकवादी कार्रवाई करार दिया था। वर्ष 2019 में भी ईरान के एक तेल टैंकर पर दो मिसाइल गिरे थे।