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बिहार में नहीं थम रहा सियासी बवाल, खेला होबे?
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महागठबंधन में रार, पड़ने लगी है अब दरार
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रामचरित मानस पर अलग अलग राय
रंजीत कुमार तिवारी स्थानीय संपादक
वर्ष 1973 में हिंदी फिल्म बॉबी का लता मंगेशकर वास शैलेंद्र सिंह द्वारा गाया हुआ यह गीत बिहार सरकार की मौजूदा हालात पर बिल्कुल सटीक बैठ रहा है। रामचरित मानस को लेकर राज्य में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच सियासी तापमान का पारा काफी हाई है।
बिहार में चल रही मौजूदा सरकार को राजद वाले तेजस्वी सरकार तो जदयू वाले सुशासन बाबू की सरकार बता रहे हैं। इससे बिहार में खेला होने की सुगबुगाहट होने लगी है। उस गीत की चर्चा कर दूं जिसकी सीन यहां पर फिट बैठ रही है। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।
झूठ बोले कौवा काटे, काले कौवे से डरियो
मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो
तू मायके चली जाएगी मैं डंडा लेकर आऊंगा
तू डंडा लेकर आएगा मैं कुए में गिर जाऊंगी
मैं रस्सी से खिंचवाऊंगा मैं पेड़ पे चढ़ जाऊँगी
मैं आरी से कटवाऊंगा
प्यार करे आरी चलवाए, ऐसे आशिक़ से डरियो
मैं माईके चली जाऊंगी तुम मैके चली जाएगी
मैं दूजा ब्याह रचाऊँगा तू दूजा ब्याह रचाएगा
हाए मेरी सौतन लाएगा
मैं माइके नहीं जाऊँगी, मैं माइके नहीं जाऊँगी
अरे तेरे सदके जाऊंगी रे, मायके नहीं जाऊंगी
मैं सातों वचन निभाऊँगी, अरे मायके नहीं जाऊंगी
मैं मायके नहीं जाऊंगी…
इसी बीच रामचरितमानस पर दिए बयान के कारण सड़क से लेकर सदन तक माहौल बिल्कुल गर्म है। कुल मिलाकर क़रीब से आप क़रीब से देखें तो दरार बढ़ती हीं जा रही है। जिस कारण बाजी कभी भी पलट सकती है। राजनैतिक पंडित सियासत से आने वाली हर एक आहट पर अपनी कान लगाए हुए हैं।
विवादों के घेरे में पड़े शिक्षा मंत्री ने अपने टि्वटर अकाउंट से ‘बुनियादी संसाधन, उचित पाठन, शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार का’ स्लोगन लगाया था। इसके बाद जदयू के व्यापक प्रवक्ता नीरज कुमार ने लिखा कि बढ़ता बिहार नीतीश कुमार ट्विटर नहीं काम की सरकार शिक्षित कुमार शिक्षित बिहार।
फिलवक्त अच्छी- भली चल रही महागठबंधन की नाव अचानक डगमगाने लगी और शीत युद्ध की पटकथा लिख डाली। जिसके बाद जिसके बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अभद्र टिप्पणी करके सुधाकर सिंह ने साबित कर दिया कि भले ही वह राजद में हों, पर उनकी आत्मा आज भी अपने पुराने दल भाजपा के साथ ही है।
ऐसे में जनता दल की जवाबदेही बनती है कि अविलंब सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करें, यही गठबंधन धर्म का पालन होगा। उन्होंने गठबंधन को चलाने के लिए एक कमेटी का गठन करने की नसीहत दी।
रामचरितमानस को लेकर जारी घमासान में उपेंद्र कुशवाहा ने सवाल करते हुए कहा कि, अब तक जनता के आशीर्वाद से राज्य में सर्वाधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले नेता को कोई नाइट गार्ड कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो क्या है?
वहीं, कुशवाहा ने बिहार के लालू वाली सरकार पर टीका- टिप्पणी की। जिससे राजद कुनबे में काफी नाराजगी देखी जा रही है, राजद नेता भी जमकर प्रतिक्रिया देने लगे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी का बयान अभी हवा में तैर हीं रहा था कि एक जदयू नेता नेता ने लक्ष्मण रेखा को लांघ दी है। दरअसल, जदयू एमएलसी रामेश्वर महतो ने सुधाकर सिंह को संभल जाने की चेतावनी दी है।
उन्होंने साफ कहा कि नीतीश कुमार को लेकर किसी भी तरह का बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हम लोग अपने नेता नीतीश कुमार के कहने पर चुप हैं इसका कोई गलत फायदा ना उठावे, हम लोग जीभ खींचने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाली किताब बताने की बयान पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव तथा राजद का कुनबा पूर्ण रूप से मजबूती के साथ स्टैंड किए हुए हैं। संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी बात रखने का हक व आजादी है।
वे शिक्षा मंत्री के विवादित बयान के पक्ष में खड़े हैं, ताकि उनका वोट और मजबूत हो सके। राजद अपने शिक्षा मंत्री के विवादित बयान के पक्ष में है तो जदयू शिक्षा मंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बात कह रही है।
राजद को बीजेपी के एजेंडे पर काम करने का आरोप उपेंद्र कुशवाहा ने लगाया तो इसके बाद राजद नेता ने रामचरित मानस के मसले पर जदयू नेता को बयानवीर नहीं बनने की नसीहत दिया हैं। सोशल मीडिया पर जदयू के नेतागण लालू के बिहार से नितीश के बिहार की तुलना कर रहे हैं, जो दरार को दर्शाने जैसा है। हालांकि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता हुए विवाद को सुलझाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, ताकि मायके नहीं जाना पड़े।