राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः आम तौर पर भारतीय युवा नौकरी और वह भी सरकारी नौकरी के पीछे पागल है। इसके बीच भी इस भ्रमजाल से उबरते हुए अपना कुछ कर पाने का साहस बहुत कम लोग जुटा पाते हैं। आम मनोदशा सुरक्षित नौकरी तक सीमित है और विशेषज्ञ मानते हैं कि इसकी सबसे बड़ी वजह हमारी शिक्षा पद्धति हैं।
इस वजह से देश का युवा वर्ग अपने बलबूते पर कुछ करने का साहस नहीं जुटा पाता है। इन तमाम चर्चाओ के बीच अचानक एक युवती फिर से चर्चा में आ गयी है। इससे पहले ही देश में एमबीए चायवाला यानी प्रफुल्ल बिलौर अत्यधिक चर्चित हो चुका था। इस बार शर्मिष्ठा को लोकप्रिय बनाया है भारतीय सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर संजय खन्ना ने।
अचानक उनकी नजर इस युवती चायवाले पर पड़ी थी जो देखने के ही शिक्षित मालूम पड़ती थी। पूछ ताछ से पता चला कि शर्मिष्ठा ने अंग्रेजी से एमए करने के बाद विदेश के एक स्कूल मे कुछ दिनों तक नौकरी भी की थी। उनकी सोच को मदद पहुंचाने भावना राव नामक दूसरी युवती का सहयोग मिला।
भावना भी इससे पहले एक विमान कंपनी में अच्छी तनख्वाह की नौकरी किया करती थी। दोनों के बारे में ब्रिगेडियर खन्ना ने जब सोशल मीडिया में जानकारी दी तो लोगों का ध्यान बहुत तेजी से इस तरफ आकृष्ट हुआ। अब पता चला है कि सिर्फ एक चाय का ठेला चलाना ही उनदोनों का मकसद नहीं है।
वे चाहते हैं कि उनके इस चार चक्का वाले ठेला को एक फूडचेन बनाया जाए। पूरे देश में इसकी शाखाएं होंगी और सभी में एक जैसा सामान्य भोजन मिल सकेगा। इसी बीच पश्चिम बंगाल के दो बेरोजगार इंजीनियरों की कहानी भी सामने आयी है। इन दोनों ने मिलकर अपनी चाय की दुकान का नाम बी टेक चायवाला रखा है।
आलमगीर खान और राहुल अली नामक दोनों युवकों ने 2017 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर ली थी। मन माफिक नौकरी के लिए काफी प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिली थी। तब जाकर दोनों ने आपसी चर्चा के बाद यह चाय की दुकान खोल रही है।