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इजरायल में नेतानह्यू की सरकार का जोरदार विरोध

तेल अबीबः दोबारा सरकार में लौटे बेंजामिन नेतानह्यू की इस बार की राह आसान नहीं लग रही है। वह गठबंधन सरकार के मुखिया तो बन बैठे हैं लेकिन उन्हें इस सरकार की प्रस्तावित नीतियों की वजह से पहले से ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। प्रस्तावित कानूनी सुधारों का विरोध करने करीब अस्सी हजार लोगों ने यहां एकत्रित होकर उसका विरोध किया है।

पहले से ही जनता यह मान रही है कि दरअसल इस बार सरकार को कानूनी संशोधन लाने जा रही है, वह अपने आप को बचाने का प्रयास भर है। यह चर्चा इसलिए भी है कि गठबंधन सरकार को समर्थन देने वाले अनेक नेताओं के खिलाफ पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं।

प्रस्तावित कानूनी संशोधनों की बदौलत इन सारे मामलों को बंद करने की तैयारी की गयी है। दूसरी तरफ यह सरकार अदालत को भी अपने शिकंजे में लेने की मंशा से काम कर रही है। यहां के हाबिमा स्क्वायर में अस्सी हजार लोगों की भीड़ ने इन प्रस्तावित संशोधनों का खुलकर विरोध किया और इसे देश की लोकतंत्र की हत्या की साजिश करार दिया।

दरअसल जनता इस बात से नाराज है कि नेतानह्यू की सरकार सिर्फ अपने फायदे के लिए पूरे देश की न्याय व्यवस्था को ही बदल देना चाहती है। देश के पूर्व एटर्नी जनरल ने पहले ही जनता को इस प्रस्तावित संशोधन के खतरों को बारे में आगाह कर दिया था। हाबिमा स्क्वायर और उसके आस पास के सभी इलाके में प्रदर्शनकारी अपने साथ पोस्टर और बैनर लेकर आये थे।

इनलोगों के अलावा जेरूशलम में भी इस प्रस्तावित कानून के विरोध में लोगों ने जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि इस बार सत्ता में आने के लिए नेतानह्यू ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन का रवैया अख्तियार कर लिया है। साथ ही वह उग्र राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाकर देश की जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहते हैं ताकि उनके तथा उनके समर्थकों के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के सारे मामलों को रफा दफा किया जा सके।

यह देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है और नेतानह्यू जिस रास्ते पर देश को ले जाना चाहते हैं वह दरअसल ईरान जैसे कट्टरपंथी देश की निशानी है। दरअसल यह सरकार प्रस्तावित संशोधनों के लिए देश की न्याय व्यवस्था को भी सरकार के अधीन लाना चाहती है, जिसका जनता विरोध कर रही है।

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