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नईदिल्लीः पंजाब में पहुंचे राहुल गांधी ने पिछले कुछ दिनों में गंभीर बातें कही हैं। इसमें बार बार उनकी छवि और मोदी के खिलाफ कौन के सवाल पर राहुल गांधी ने साफ कर दिया है कि इस किस्म के प्रायोजित प्रश्नों का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है।
ऐसे सवाल दोहराये जाने के दौरान राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि जिस राहुल गांधी की छवि को एक साजिश के तहत प्रसारित किया गया था, वह राहुल गांधी अब नहीं है। राहुल गांधी की उस छवि को खुद मैंने ही खत्म कर दिया है। दरअसल इस पुरानी छवि के जरिए ही जनता के मन में काफी भ्रम फैलाये गये थे।
अब भारत जोड़ो यात्रा में यहां तक पहुंचने के बाद राहुल गांधी का आचरण बिल्कुल बदला बदला सा नजर आने लगा है। वह भी भारत को एक नया भविष्य दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बेहतर भविष्य की चर्चा कोई दिवास्वप्न नहीं है।
वह वास्तविकता के धरातल पर खड़े होकर देश की जनता को इसके बारे में बात रहे हैं। इसलिए अब प्रेस को भी उस राहुल गांधी की तलाश नहीं करनी चाहिए, जिसकी छवि बिगाड़ने के लिए भाजपा ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किये हैं। वह राहुल अब नहीं रहा।
जिस राहुल गांधी की कल्पना प्रेस के लोग करते हैं या भाजपा इन प्रेस वालों के माध्यम से कराना चाहती है, वह अब नहीं मिलेगा। इसलिए वे सारे पुराने सवाल भी अब रद्दी की टोकरी में जा चुके हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे अब अपनी छवि की कोई चिंता नहीं है। इसलिए जिसे जो पसंद है, वह वैसी सोच रखे।
हिंदी पट्टी में भी राहुल की इस यात्रा को मिल रहे जनसमर्थन की वजह से भाजपा को परेशानी है, यह साफ हो चुका है। इसी वजह से एक के बाद एक राहुल पर सवाल उठाये गये थे। साथ ही उनकी छवि को बिगाड़ने के लिए उनकी तस्वीरों में छेड़छाड़ कर उनकी छवि को बिगाड़ने का भी काम किया गया था। लेकिन सोशल मीडिया की बदौलत अब जनता को बेहतर जानकारी मिल रही है। इसलिए अब जिसे जो समझना है वह समझता रहे, मेरे लिए मेरी छवि क्या है, यह विचार का मुद्दा नहीं है।
दरअसल राहुल गांधी ने सबसे तीखा सवाल पानीपत में उठा दिया है। उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 140 करोड़ की आबादी वाले इस देश का आधा पैसा देश के एक सौ लोगों के पास है। यही मोदी सरकार की असलियत है।
उन्होंने कहा कि देश की बीस कॉरपोरेट कंपनियों के पास देश का 90 प्रतिशत मुनाफा जा रहा है। इस कारण अब भारत में दो देश बन गये हैं। एक तरफ देश की आम जनता है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार और उनके मित्र पूंजीपति है।
अब जनता को यह तय करना है कि देश के लिए बेहतर कौन है। नोटबंदी और गलत जीएसटी से भी देश की अर्थव्यवस्था तबाह हुई है, यह मोदी सरकार की समझ में नहीं आयी है। देश के किसान एक साल तक आंदोलन करते रहे पर मोदी सरकार को सच्चाई समझ में नहीं आयी।
अब अग्निवीर योजना से सेना को कमजोर करने के साथ साथ युवाओं के साथ धोखा हो रहा है, इसे भी देश तो समझ रहा है लेकिन अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने में जुटी मोदी सरकार को यह बात समझ में नहीं आ रही है। वैसे अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में राहुल गांधी के जाने पर अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरन कौर ने कहा है कि सिक्ख कभी भी उस परिवार को माफ नहीं करेगा, जिसने स्वर्ण मंदिर में सेना भेजने जैसा निर्णय लिया था।