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अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को पुतिन की घोषणा पर यकीन नहीं

कियेबः रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के एलान के मुताबिक धार्मिक समारोह को ध्यान में रखते हुए 36 घंटे का युद्धविराम प्रारंभ हो चुका है। दूसरी तरफ यूक्रेन और अन्य सहयोगी देश इस युद्ध विराम को एक प्रचार मान रहे हैं। यूक्रेन के मुताबिक इस युद्धविराम की आड़ में रूस अपनी सेना और गोला बारूद के भंडार को फिर से भरने का काम कर रहा है। वैसे रूस के राष्ट्रपति ने ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस के मौके पर इस एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी।

रूस के एलान के मुताबिक यह युद्धविराम डेढ़ दिनों का है और सिर्फ धार्मिक समारोह की वजह से इसका एलान किया गया है। दूसरी तरफ रूस का युद्धविराम प्रारंभ होन के बाद भी कियेब में करीब एक घंटे के बाद हवाई हमले के साइरन सुनाई पड़े हैं। वैसे इस दौरान किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी गयी है।

यूक्रेन की तरफ से यह दावा किया गया है कि दोबारा हमला करने की तैयारियों में रूस अपनी सेना को फिर से तैयार कर रहा है। इस युद्धविराम के जरिए दुनिया को मुर्ख बनाकर प्रचार पाने की कोशिश की गयी है। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एकतरफा युद्ध विराम के दौरान ही रूसी सेना नये सिरे से मोर्चाबंदी कर रही है।

खास तौर पर डोनबॉस के इलाके में यूक्रेन की सेना के लगातार आगे बढ़ते जाने की वजह से रूस को ऐसा करना पड़ रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना अस्पतालों तक को निशाना बना रही है। क्रिसमस और नये साल के दिन भी ऐसे हमले नागरिक ठिकानों पर ही किये गये हैं। इसलिए पुतिन को युद्धविराम को सही नहीं माना जा सकता है।

यूक्रेन की सेना इस युद्धविराम को भी हल्के में नहीं ले रही है। उनका मानना है कि आगामी 24 फरवरी को युद्ध के एक साल पूरे होने वाले हैं। इसके बीच ही मौसम का फायदा उठाते हुए रूसी सेना नये इलाकों पर हमला करने की तैयारी कर रही है।

इसके पहले ही तुर्किश राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत में पुतिन ने साफ कर दिया है कि रूस का इलाका घोषित क्षेत्रों पर से दावेदारी छोड़ने की स्थिति में ही यूक्रेन के साथ कोई शांति वार्ता हो सकती है। दूसरी तरफ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।

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