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पहले मृत दोनों लोग पुतिन के आलोचक थे
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तीसरा शख्स पानी के जहाज का इंजीनियर था
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दुनिया में अन्य स्थानों पर भी मरे हैं आलोचक
राष्ट्रीय खबर
भुवनेश्वरः उड़ीसा में लगातार तीन रूसी नागरिकों की मौत के बाद अब इस पर लोगों का ध्यान जाने लगा है। उड़ीसा में आज एक और रूसी मृत मिला। बीते एक पखवाड़े में इस तरह का ये तीसरा मामला सामने आया है। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मिलाकोव सर्गेई के रूप में पहचाने जाने वाले रूसी को जगतसिंहपुर जिले के पारादीप बंदरगाह पर लंगर डाले जहाज में मृत पाया गया था।
51 वर्षीय व्यक्ति जहाज एम बी अलदना का मुख्य इंजीनियर था, जो पारादीप के रास्ते बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से मुंबई जा रहा था। सुबह करीब 4.30 बजे रूसी नागरिक जहाज के चेंबर में मृत पाया गया। हालांकि पुलिस तत्काल मौत के कारणों का पता नहीं लगा सकी है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष पी एल हरानंद ने रूसी इंजीनियर की मौत की पुष्टि की और कहा कि मामले की जांच की जा रही है।
दिसंबर में दक्षिणी उड़ीसा के रायगडा शहर में एक सांसद सहित दो रूसी पर्यटक रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। इससे पहले रूस में सांसद पावेल एंटोव (65) की 24 दिसंबर को कथित तौर पर एक होटल की तीसरी मंजिल से गिरने के बाद मौत हो गई थी, जबकि उनके दोस्त व्लादिमीर बिडेनोव (61) 22 दिसंबर को अपने कमरे में मृत पाए गए थे।
दोनों मामलों की जांच उड़ीसा द्वारा की जा रही है। रूसी सांसद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक थे, जबकि लापता व्यक्ति पुरी में रह रहा था और वह भी पुतिन का आलोचक था। लापता हुए व्यक्ति को पहले उड़ीसा की राजधानी में युद्ध-विरोधी और पुतिन-विरोधी नारे लिखी तख्तियां पकड़े हुए देखा गया था।
लगभग एक महीने पहले भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को एक तख्ती लिए देखा गया था जिसमें लिखा था, मैं रूसी शरणार्थी हूं, मैं युद्ध के खिलाफ हूं, मैं पुतिन के खिलाफ हूं, मैं बेघर हूं, कृपया मेरी मदद करें। तख्ती पकड़े हुए व्यक्ति की तस्वीर उसके हमवतन – सांसद एवं व्यवसायी पावेल एंतोव और उनके साथी यात्री व्लादिमीर बिदेनोव की मृत्यु के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
करीब एक महीने पहले भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस के अधिकारियों ने तख्ती पकड़े हुए व्यक्ति से बात की थी। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक जयदेव बिस्वजीत ने कहा था कि कुछ यात्रियों द्वारा सूचित किए जाने पर, मैं उनके पास गया और उनके बारे में पूछताछ की। वह तख्ती लिए रेलवे प्लेटफॉर्म पर घूम रहा था।
मैंने उनके पासपोर्ट और वीजा का निरीक्षण किया और दस्तावेजों को ठीक पाया। उन्होंने कहा कि चूंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी इसलिए उससे ज्यादा विवरण एकत्र नहीं किया जा सका। पुरी के एसपी कंवर विशाल सिंह ने कहा, जीआरपी ने हमसे संपर्क किया है हमने तत्काल सहायता प्रदान की।
यूक्रेन के साथ रूस के युद्ध के दौरान अनेक रूसी नागरिकों ने पुतिन के इस आक्रामक रवैये की आलोचना की है। दुनिया के कई अन्य इलाकों में भी पुतिन के आलोचक लोग रहस्यमय तरीके से मृत पाये गये हैं। इसलिए अब उड़ीसा की इन मौतों को भी गंभीरता से लिया जाने लगा है।