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टी शर्ट पर टिप्पणी कर भाजपा ने आफत मोल ली

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महंगी टी शर्ट पहनने का मुद्दा उठाना ही भारतीय जनता पार्टी के लिए भारी पड़ गया। जब यह आरोप मढ़ा गया तो अब भाजपा को उसी की भाषा में जबाव देने के अभ्यस्त हो चुके कांग्रेसियों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मफलर का ब्रांड और कीमत बताकर भाजपा को चुप करा दिया। उसके बाद से ही जनता के बीच यह टी शर्ट लगातार में चर्चा बनी रही।

भारत जोड़ो यात्रा के नईदिल्ली तक पहुंचन के बाद जब कांग्रेस मुख्यालय पर राहुल गांधी इसी सफेद रंग की टी शर्ट में नजर आये तो फिर से यह सवाल उठा। राहुल ने मजाक के लहजे में इसका उत्तर दिया कि जब तक यह टी शर्ट चल रहा है, चलने देंगे। अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस में फिर से इस सवाल के उत्तर में राहुल गांधी ने कहा कि वह इस मौसम में कैसे टी शर्ट पहनकर चल रहे हैं, उसका खुलासा भी एक वीडियो बनाकर कर देंगे। भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद उन्होंने खुद यह वीडियो बनाने की बात कही।

लेकिन यह टी शर्ट आगे कब तक जारी रहेगा, इस पर देश की नजरें लगी हुई हैं। दरअसल कड़ाके की ठंड में भी राहुल का इस तरीके से टी शर्ट पहनकर चलना स्वाभाविक विषय नहीं है। इस एक गुण की वजह से राहुल गांधी अब दूसरे सारे नेताओं से अलग नजर आने लगे हैं, जो भाजपा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

भाजपा की चिंता इस बात को लेकर भी है कि जिसे पप्पू साबित करने में इतनी मेहनत की गयी थी, वह बेकार साबित हो गया है। खुद राहुल गांधी ने कहा है कि उन्हें बदनाम करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किये गये। एक माह पैदल चलने से भाजपा का यह पैसा बेकार चला गया है।

इसलिए अभी वह श्रीनगर तक के सफर में कहां तक टी शर्ट पहनकर चलते हैं, इस पर देश का ध्यान लगा हुआ है। राहुल ने लालकिले से टी शर्ट के सवाल को किसानों से जोड़ दिया था। इस बीच कांग्रेस के गणेश परिक्रमा करने वाले उन्हे तपस्वी कहने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा समर्थक सोशल मीडिया अब तक उनका मजाक उड़ा रहे हैं।

भले ही अब ऐसी टिप्पणियों का कोई सामाजिक असर नहीं रह गये हैं। वैसे समझा जा सकता है कि इसके जरिए राहुल गांधी ने एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश देने में सफलता पा ली है।

सितंबर महीने से जब से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हुई है, तब से उनकी छवि में बदलाव देखा जा रहा है। केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे दक्षिण के राज्यों मेंतो समर्थन की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी यात्रा में जमकर भीड़ आई। राहुल गांधी इन सभी जगह हाफ टी शर्ट में ही दिखाई दिए। पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू,  इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी समेत कइयों की समाधि स्थल का दौरा करने के  दौरान भी राहुल इसी टी शर्ट में नजर आए।

वाजपेयी जी की समाधि स्थल का दौरा करके राहुल ने संदेश दिया कि उनके मन में सभी के लिए सम्मान है, फिर भले किसी वे किसी अन्य विचारधारा से क्यों न हों। अब माना जा सकता है कि राहुल ने अपनी एक मजबूत इंसान की छवि दिखाने की भी कोशिश की है। जब भी चुनाव आते हैं, तब भाजपा राहुल बनाम पीएम मोदी करने की कोशिश करती है और इसमें उसेसफलता भी मिली है। एक के बाद एक चुनावी हार की वजह से राहुल की राजनीतिक छवि को धक्का पहुंचा था। अब टी शर्ट ने सारे दाग धो दिये हैं।

हाल ही में सलमान खुर्शीद ने बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, राहुल गांधी एक सुपरह्यूमन हैं। जब हम सब ठंड महसूस कर रहे हैं तो वह यात्रा में सिर्फ टीशर्ट पहन रहे हैं। वे एक योगी की तरह हैं, जो पूरे फोकस के साथ अपनी तपस्या कर रहेहैं। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि राहुल गांधी की टीशर्ट काफी चर्चा में रह रही है, जिससे  आखिरकार उन्हें ही फायदा हो रहा है।

सात सितंबर से शुरू हुई यात्रा में भाजपा ने इस टी शर्ट पर सबसे पहले हमला बोला था। इसमें एक ओर राहुल गांधी हाफ टी शर्ट पहने हुए थे, तो दूसरी ओर उस टीशर्ट का कथित दाम लिखा हुआ था। भाजपा ने दावा किया कि यह टीशर्ट 41,257 रुपये की है। लेकिन कांग्रेस पूरे मुद्दे पर हावी रही  और भाजपा पर हमला बोलती रही। इस दौरान कांग्रेस ने दस लाख के सूट का भी जिक्र किया और उल्टा भाजपा को ही घेरनेकी कोशिश की। इस टी शर्ट के जरिए से राहुल ने भाजपा को मैसेज भी देने की कोशिश की है कि वे भाजपा के हमलों से बैकफुट पर नहीं जानेवाले और टीशर्ट को ही एक हथियार बनाने में सफल रहे।

 

 

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