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मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर जुटे राज्यभर के कार्यकर्ता
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इस जनसभा में फिर से नारा लगा लड़के लिया झारखंड
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हर उपचुनाव में पराजित हुए पर भाजपा की साजिश जारी
राष्ट्रीय खबर
रांचीः केंद्र सरकार के खिलाफ झामुमो के आक्रामक तेवर की पहचान आज फिर से हो गयी। दरअसल ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजने की सूचना मिलते ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि झामुमो चुप नहीं बैठेगी। इसी कारण आज सुबह से ही झारखंड के अलग अलग हिस्सों से झामुमो कार्यकर्ताओं का रांची में एकत्रित होना प्रारंभ हो गया था।
अनेक गाड़ियों के कतार में पार्टी का झंडा लगाये गाड़ियों के रांची आने का सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। इतनी अधिक संख्या में लोगों के आने की वजह से रातू रोड से लेकर मुख्यमंत्री आवाज तक की सड़क पर कई बार जाम भी लगा। इस जाम से कई स्कूली बसें व एबुंलेंस को आने-जाने में कठिनाई हुई, पर खुद चूंकि मुख्यमंत्री माइक संभाले हुए थे, इन स्कूली बसों और एंबुलेंसों को कोई तकलीफ नहीं हुई।
वहां बने अस्थायी मंच से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने नारा दिया – कैसे लिया झारखंड, झामुमो कार्यकर्ताओं जवाब दिया – लड़ के लिया झारखंड। उधर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कैसे लेंगे अपना अधिकार, उधर झामुमो कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया – लड़ के लेंगे अपना अधिकार। हेमन्त सोरेन ने आज की रैली में स्पष्ट कर दिया कि वे प्रवर्तन निदेशालय के समन और केन्द्र व भाजपा के नेताओं की धमकियों के आगे झूकने नहीं जा रहे। इतना ही नहीं उन्होंने साफ साफ चुनौती दी क अगर हिम्मत है तो ईडी उन्हें गिरफ्तार कर लें। उन्होंने कहा कि केन्द्र के नेता बार-बार बोलते थे कि डबल इंजन की सरकार यहां चल रही हैं, उस डबल इंजन में से एक इंजन को तो यहां की जनता ने उखाड़कर फेंक दिया, अब दूसरा इंजन केन्द्र में बचा हैं, उसे भी उखाड़कर फेंक देना हैं। उन्होंने केन्द्र पर फिर आरोप लगाया कि राज्य के विकास संबंधी योजनाओं का कई करोड़ रुपये केन्द्र सरकार ने रोक रखे हैं, जिससे विकास प्रभावित हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर को हम राज्य में फिर झारखंड स्थापना दिवस भव्य तरीके से मनायेंगे, उन्हें खुशी है कि उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी सहमति दे दी हैं। हम घबरानेवाले नहीं, इस प्रकार की चुनौतियों से और तपकर निकलेंगे। इससे झामुमो और ताकतवर बनकर निकलेगा। हम जेल से नहीं डरते। हमारी सरकार अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि देश में संभवतः वे पहले मुख्यमंत्री हैं जो राजभवन जाकर कहा कि अगर चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया हैं तो वे सजा सुनाये पर वे तो सेंकेड ओपनियन की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से उनकी सरकार आयी हैं, इस सरकार को अस्थिर करने में केन्द्र व भाजपा के नेता लगे हुए हैं, और विभिन्न एजेंसियों को उनके खिलाफ लगा दिया है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद जिस प्रकार से झारखंड की जनता को हमने सेवा करने का काम किया हैं, उसको लेकर विपक्ष में खुब खलबली मची हुई है। झारखंड खनिज संपदा से भरपूर प्रदेश है। उन खनिज संपदाओं पर केन्द्र ने अधिकार कर घोटाला किया है। खनिज संपदाओं को लूटने का पाप कर ये लोग, अपने पाप का ठीकरा मेरे माथे पर फोड़ रहे हैं। इस बार हमलोगों ने तय कर लिया है कि इसका जवाब हमलोग देंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के विकास संबंधी हमलोगों ने निर्णय लिया और जिससे जनता में एक प्रकार का विश्वास जगा है। हमारे खिलाफ उनके द्वारा लिया गया निर्णय का जवाब यहां की अब जनता देगी। उन्होंने कहा कि ये सामंतीवादी सोचवाले लोग आदिवासी-दलितों को देखना ही पसंद नहीं करते। कभी आदिवासी-दलितों को फंसाने के लिए ये सीबीआई, कभी ईडी तो कभी कोर्ट-कचहरी का सहारा लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस राज्य में एक बाहरी गैंग सक्रिय हो गया है, जो यहां के आदिवासियों-मूलवासियों को अपने पैरों पर खड़ा होते नहीं देखना चाहता। ऐसे लोगो को, एक-एक लोगों को हमलोग जवाब दे रहे हैं। जांच के नाम, पर इन्कवायरी के नाम पर ये गड़बड़ियां फैला रहे हैं, जब भी उपचुनाव हुए, ये पराजित हुए फिर भी इन्हें शर्म नहीं आ रही हैं।