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शाह के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव का नोटिस खारिज

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सुनाया फैसला

  • जयराम रमेश का प्रस्ताव था इस विषय का

  • मीडिया में चर्चा का प्रयास भर था यह मुद्दा

  • गृहमंत्री ने सरकारी आंकड़े ही सदन में रखे

नईदिल्लीः राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री अमित शाह के विरुद्ध कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस गुरुवार को खारिज कर दिया और कहा कि यह दुर्भावनापूर्ण, बदले की भावना वाला और मीडिया में चर्चा कराने के लिए है।

श्री धनखड़ ने सुबह सदन में आवश्यक दस्तावेज रखवाने के बाद सदन को बताया कि श्री शाह के वक्तव्य से किसी के विशेषाधिकार का हनन नहीं हुआ है इसलिए यह नोटिस अस्वीकार किया जाता है। उन्होंने कहा कि मीडिया में चर्चा पाने के लिए जल्दबाजी में विशेषाधिकारों से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया गया है जो दुखद है।

उन्होंने कहा कि सदन को सदस्यों की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने का मंच नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नोटिस पर मीडिया में इस पर व्यापक चर्चा हुई है। इसे प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए। अंतत:, अध्यक्ष या सदन को ही निर्णय लेना होता है लेकिन लेकिन इस पर व्यापक चर्चा हुई है। सभापति ने कहा,  मुझे लगता है कि कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।

सत्य का पूर्ण पालन किया गया है, जिसकी पुष्टि माननीय सदस्यों के पास उपलब्ध एक दस्तावेज से होती है और ऐसी स्थिति में, मैं गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार प्रश्न के इस नोटिस को स्वीकार करने के लिए खुद को सहमत नहीं कर सकता।  सभापति ने कहा कि आचार समिति को सदस्यों के आचरण पर नए दिशा-निर्देश बनाने की आवश्यकता है।

इसके उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम तिवाडी को नये दिशा निर्देश तय करने की जिम्मेदारी सौँपी। श्री धनखड़ ने कहा,   आचार समिति के अध्यक्ष एक प्रतिष्ठित सांसद घनश्याम तिवाडी हैं। मैं आचार समिति को नैतिकता पर एस.बी. चौहान समिति की रिपोर्ट पर गौर करने और तकनीकी विकास और सोशल मीडिया के कारण उत्पन्न होने वाली स्थितियों पर ध्यान देने तथा सदस्यों को अनुपालन के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार करने का काम सौंप रहा हूँ।

श्री धनखड़ ने कहा कि श्री रमेश ने आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक की चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के श्रीमती सोनिया गांधी के संबंध में दिये एक वक्तव्य पर आपत्ति की है और इसे लेकर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। सभापति ने कहा कि यह नोटिस मीडिया में उपलब्ध है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह श्री शाह की छवि को नष्ट करने, बदले की कार्रवाई करने और मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि श्री शाह ने अपने वक्तव्य को प्रमाणित करते हुए भारत सरकार की 24 जनवरी 1948 की एक विज्ञप्ति पटल पर रखी है। इस विज्ञप्ति में प्रधानमंत्री राहत कोष के गठन का ब्यौरा है। कोष के प्रबंधन में प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष को शामिल किया गया है। सभापति ने कहा कि उपलब्ध तथ्यों को देखते हुए यह प्रस्ताव खारिज किया जाता है।

श्री रमेश ने बुधवार को राज्य सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 188 के अंतर्गत श्री शाह के विरुद्ध एक विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। श्री धनखड़ ने कहा,  श्री जयराम ने 26 मई की तिथि में हस्ताक्षर किए हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे अनदेखा किया जा सकता है क्योंकि इससे संदर्भ नहीं बदलता है।  नोटिस में कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया गया है।

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