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दिल्ली के सीएम के चयन पर माथापच्ची

मोदी ने प्रमुख नेताओं के साथ बंद कमरे में चर्चा की

  • अमित शाह भी रहे बैठक में मौजूद

  • कई नामों पर होने लगी है चर्चा भी

  • बिना सीएम चेहरे के लड़ा था चुनाव

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः दिल्ली के सीएम के चयन के लिए पीएम मोदी ने अमित शाह व अन्य नेताओं के साथ बंद कमरे में की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व पार्टी महासचिव बीएल संतोष समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की और मुख्यमंत्री के चेहरे व सरकार गठन पर चर्चा की।

अनुभवी लोग मानते हैं कि दिल्ली में इतने वर्षों के बाद वापसी की वजह से केंद्रीय नेतृत्व काफी सोच समझकर ही नेता का चयन करेगा। इस चयन में अप्रत्याशित नाम भी हो सकते हैं। इसके पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में भी ऐसा ही किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे है। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को हराकर इस चुनाव में सबसे बड़ी जीत हासिल की। ​​यही वजह है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रमुख दावेदारों में से एक माना जा रहा है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के कई वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं। इनमें आशीष सूद व पवन शर्मा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। आशीष सूद ने जनकपुरी विधानसभा सीट से 68,986 वोटों से जीत हासिल की। ​​सूद भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। फिलहाल वे गोवा व जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इसके अलावा उन्हें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में प्रशासनिक कार्यों का भी अनुभव है। पवन शर्मा ने उत्तम नगर विधानसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की। वे असम भाजपा के सह प्रभारी भी हैं और पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। इसके अलावा विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय जैसे वरिष्ठ नेता भी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं।

विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट से तीसरी बार जीत दर्ज की। वे इससे पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। सतीश उपाध्याय ने मालवीय नगर से 39,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी माना जाता है। वे भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई के सह प्रभारी भी हैं।

भाजपा नेतृत्व किसी महिला नेता को मुख्यमंत्री पद देने पर भी विचार कर सकता है। अगर महिला चेहरे की बात करें तो इस सूची में पहला नाम शिखा रॉय का है। वह ग्रेटर कैलाश सीट से आप नेता सौरभ भारद्वाज को 3,188 वोटों से हराकर विधायक बनी हैं। वहीं, शालीमार बाग विधानसभा सीट से 29,000 वोटों से जीतने वाली रेखा गुप्ता भी इस सूची में हैं।

कहा जा रहा है कि अगर भाजपा किसी महिला को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करती है तो इनमें से किसी को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। बाहरी चेहरों में ये हैं शामिल अगर भाजपा किसी विधायक की जगह किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है तो कुछ सांसदों के नाम भी चर्चा में हैं।

इसमें पहला नाम पूर्वी दिल्ली के सांसद और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ​​का है, जबकि पूर्वांचल समाज के बड़े चेहरों में से एक उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी भी इस दौड़ में हैं। भाजपा नेतृत्व करेगा फैसला: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष हालांकि, कुछ नेताओं का मानना ​​है कि राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अनुभवों को देखते हुए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व कोई नया चेहरा भी पेश कर सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह कोई नया चेहरा भी हो सकता है, जो जनता की उम्मीदों पर खरा उतर सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा दिल्ली की कमान किसे सौंपती है।

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