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भरत शासन की याद दिलाकर कुर्सी संभाली आतिशी ने

उनके बगले में केजरीवाल की खाली कुर्सी

  • चार महीने तक जिम्मेदारी निभाऊंगी

  • केजरीवाल ने मर्यादा की मिशाल पेश की

  • ईमानदारी का मुद्दा उछाला है आप ने

राष्ट्रीय खबर

नयी दिल्लीः दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को कार्यभार संभालने के बाद कहा कि चार महीने बाद दिल्ली के लोग अपने प्यार और भरोसे के साथ दोबारा अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे, तब तक उनकी कुर्सी उनका इंतज़ार करेगी तथा वह किसी अन्य कुर्सी पर बैठकर सरकार चलायेंगी।

सुश्री आतिशी ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से कहा कि जिस तरह भरत ने 14 सालों तक भगवान श्रीराम की खड़ाऊ रखकर अयोध्या का शासन संभाला, उसी तरह अगले चार महीने तक वह दिल्ली की सरकार चलायेंगी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम अपने पिताजी द्वारा दिए गए एक वचन को निभाने के लिए 14 साल तक वनवास में रहे इसलिए भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।

उनकी जिंदगी हम सभी के लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह श्री केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की मिसाल रखी है। पिछले दो साल से भारतीय जनता पार्टी ने श्री केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा ने उन पर झूठे मुकदमे लगाए, गिरफ्तार किया और छह महीने तक जेल में रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब श्री केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दी, तब न्यायालय ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण थी। उन्होंने कहा कि कोई और नेता होता तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से पहले दो मिनट नहीं सोचता, लेकिन श्री केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर भरोसा नहीं दिखाते और उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीŸफा दे दिया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी श्री केजरीवाल की है। उन्हें पूरा भरोसा है कि चार महीने बाद फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्ली के लोग अपने प्यार और भरोसे के साथ फिर से अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे। तब तक यह कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और श्री केजरीवाल का इंतज़ार करेगी।

इससे पहले ही जनता की अदालत आयोजित कर केजरीवाल और उनके तमाम सहयोगियों ने ईमानदारी का सवाल जनता के बीच प्रस्तुत कर दिया है। इससे पहले के चुनाव में केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से साफ साफ कहा था कि अगर उन्हें लगता है कि आम आदमी पार्टी ने ठीक तरीके से काम किया है, तभी जनता उनके पक्ष में मतदान करे। अब अगला विधानसभा चुनाव करीब आने के बीच ही आप ने भाजपा को परेशानी में डालते हुए यह नई चाल चल दी है।

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