केजरीवाल के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन का शक्ति प्रदर्शन
राषट्रीय खबर
नईदिल्लीः अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी इंडिया गठबंधन पर नया उत्प्रेरक बनने जा रही है। आम आदमी पार्टी ‘भारत’ के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलने के लिए दिल्ली में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की योजना बना रही है। आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान उनकी ओर से विपक्षी खेमे के नेताओं से बात कर रहे हैं।
चूंकि कई राज्यों में चुनाव सिर पर हैं, इसलिए अगले हफ्ते दिल्ली में कौन आ पाएगा, इसका फैसला करने के बाद ही महासभा की रूपरेखा तय की जाएगी। दूसरी ओर, भाजपा नेतृत्व को लगता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया होगी लेकिन इसे संभाला जा सकता है। क्योंकि केजरीवाल ही आम आदमी पार्टी का एकमात्र चेहरा और मुख्य दिमाग हैं। अगर वह जेल में रहेंगे तो आम आदमी पार्टी के नेता कुछ खास नहीं कर पाएंगे।
कांग्रेस, आप नेतृत्व के अनुसार, यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार चुनाव से पहले विपक्ष को जेल में डालकर, उनके बैंक खाते बंद करके, उनके घरों की तलाशी लेकर उन्हें पंगु बनाना चाहती है। मोदी सरकार को उम्मीद के मुताबिक जीत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। इसके चलते उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आम लोग भले ही सब कुछ समझते हों, लेकिन उन्हें भी लगता है कि विपक्ष के मंच से सामूहिक रूप से यह संदेश देना जरूरी है।
कांग्रेस नेताओं का तर्क था कि सबसे पहले झारखंड के हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद बीआरएस नेता के कविता को गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस के बैंक खातों से लेनदेन रोक दिया गया है। बाद में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। शनिवार को तृणमूल महुआ मैत्रा का पता खोजा गया। विपक्षी खेमा नरेंद्र मोदी और भाजपा को ‘डरा हुआ तानाशाह’ करार देना चाहता है, लेकिन भाजपा खेमे को लगता है कि आम आदमी पार्टी केजरीवाल को जेल भेजने का दबाव नहीं झेल पाएगी।
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में लगातार भाजपा को हराया है, लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। इस बार दिल्ली में कांग्रेस, आप सीटों पर समझौता कर लड़ रही हैं। हालांकि, भाजपा नेताओं का मानना है कि केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर जनोन्मुखी काम किया है। वह एक प्रखर वक्ता हैं, मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक भूमिका निभा सकते हैं। उनके जेल में रहने से चुनाव के दौरान भाजपा के खिलाफ प्रचार का बोझ कम हो जाएगा। मनीष सिसौदिया, संजय सिंह जैसे नेताओं को भी पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। केवल सौरभ भारद्वाज, आतिशी जैसे नए चेहरे ही बचे हैं।