पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर छापा
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने किरू जलविद्युत परियोजना पर जांच की
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज किरू जलविद्युत परियोजना भ्रष्टाचार जांच में सत्यपाल मलिक के परिसरों पर छापेमारी की है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों सहित 30 से अधिक स्थानों पर सीबीआई छापेमारी कर रही है। सूत्रों के हवाले से बताया है कि ये जांच किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध देने से जुड़े कथित भ्रष्टाचार की है।
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए मलिक ने एक ट्वीट में कहा कि पिछले 3-4 दिनों से अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद, तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों के माध्यम से उनके घर पर छापेमारी की जा रही है। उन्होंने लिखा, मैं पिछले 3-4 दिनों से बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं। इसके बावजूद तानाशाह द्वारा सरकारी एजेंसियों के माध्यम से मेरे घर पर छापेमारी करायी जा रही है। मेरे ड्राइवर और मेरे सहायक पर भी छापे मारे जा रहे हैं और उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से नहीं डरूंगा। मैं किसानों के साथ हूं।
जांच 2019 में एक निजी कंपनी को किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लिए लगभग 2,200 करोड़ के सिविल कार्यों का ठेका देने में कदाचार के आरोपों से संबंधित है। 20 अप्रैल, 2022 को मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कदाचार के आरोप में तत्कालीन अध्यक्ष, तत्कालीन एमडी, चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (सीवीपीपीपीएल) के दो निदेशकों, एक निजी कंपनी और अज्ञात अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सरकार का अनुरोध शामिल था।
वैसे खुद सत्यपाल मलिक ने यह मामला सबसे पहले उठाते हुए कहा था कि भाजपा के एक बड़े नेता ने यह काम कर देने के लिए उनसे तीन सौ करोड़ घूस की पेशकश की थी।
उसके बाद सरकार ने यह आरोप लगाया गया था कि किरू जलविद्युत परियोजना के सिविल कार्य पैकेज को ई-टेंडरिंग के दिशानिर्देशों का पालन किए बिना प्रदान किया गया था। यद्यपि सीवीपीपीपीएल (चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड) की बोर्ड बैठक में रिवर्स नीलामी के साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम से फिर से टेंडर करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन चल रही टेंडरिंग प्रक्रिया को रद्द करने के बाद, इसे लागू नहीं किया गया था (जैसा कि अगली बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार) और टेंडर अंततः उक्त निजी कंपनी को दे दिया गया।
आज की छापेमारी से पहले, 2 दिसंबर को, सीबीआई ने इस मामले के संबंध में दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़ और शिमला में छह स्थानों की तलाशी ली थी। फिर 29 जनवरी, 2024 को ब्यूरो ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में लगभग 8 स्थानों पर तलाशी ली। सीबीआई ने कहा कि तलाशी में करीब 21 लाख से अधिक की नकदी के अलावा डिजिटल डिवाइस, कंप्यूटर, संपत्ति दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।