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राज्य सरकार जादुई उपचार पर प्रतिबंध लगाएगी

असम 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड देने वाला पहला राज्य बना

  • मंत्री आवासों में भी प्रीपेड बिजली मीटर

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि असम , देश में एक करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबीपीएम-जेएवाई) के तहत प्रत्येक परिवार को सूचीबद्ध अस्पतालों में प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक इलाज नि:शुल्क मिलता है। शर्मा ने कहा,  असम ने नयी कामयाबी हासिल की है।

राज्य ने माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा,  विकसित भारत यात्रा और आयुष्मान आपके द्वार अभियान जैसे प्रयासों के माध्यम से एक करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी करने वाला, असम पहला राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री सरमा के नेतृत्व में, असम ने योजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए विकसित भारत यात्रा और आयुष्मान आपके द्वार अभियान जैसी विभिन्न पहल की हैं। इन प्रयासों की परिणति 1 करोड़ से अधिक नागरिकों को आयुष्मान कार्ड के वितरण के रूप में हुई है, जिससे राज्य की आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से तक आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल पहुंच हुई है।

इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के तहत ई-केवाईसी प्रक्रिया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) डेटाबेस में सूचीबद्ध लाभार्थियों को मान्य करने में सहायक रही है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में असम मंत्रिमंडल ने असम हीलिंग (बुराइयों की रोकथाम) प्रथाओं विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी।

इस कानून का उद्देश्य बहरापन, अंधापन और ऑटिज्म जैसी जन्मजात स्थितियों के लिए उपयोग की जाने वाली हानिकारक जादुई उपचार प्रथाओं को खत्म करना है। मुख्यमंत्री ने ऐसी शोषणकारी प्रथाओं में शामिल व्यक्तियों के लिए निवारक दंड पर जोर दिया। सीएम ने कहा कि यह इस तरह के उपचार सत्रों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएगा और इलाज के नाम पर गरीबों और वंचित लोगों से वसूली करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करेगा।

दूसरी ओर, एक आश्चर्यजनक कदम में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सभी सरकारी क्वार्टरों में व्यक्तिगत प्रीपेड मीटर लगाने की घोषणा की है, जिनमें मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के आवास भी शामिल हैं। यह निर्णय यह जानने के बाद आया कि उनके वेतन से बहुत मामूली मासिक बिजली बिल काटा जा रहा था, जिससे पता चलता है कि वे सब्सिडी वाली बिजली से लाभान्वित हो रहे थे।

सरमा ने रविवार को कहा, बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ मेरी हालिया बातचीत के दौरान मुझे पहली बार इस प्रथा के बारे में बताया गया।उन्होंने कहा, तत्काल, मैंने विभाग को मंत्री कॉलोनी के आवासों सहित प्रत्येक सरकारी क्वार्टर में व्यक्तिगत प्रीपेड मीटर लगाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस उपाय का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और सब्सिडी वाली बिजली की किसी भी संभावना को खत्म करना है। सरमा ने कहा, इससे बिजली का जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित होगा और बिजली बिलों के संबंध में किसी भी तरह की अस्पष्टता खत्म हो जाएगी। यह स्पष्ट नहीं है कि इस निर्णय से कितने सरकारी क्वार्टर प्रभावित होंगे।

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