प्रवीर चक्रवर्ती
सुंदरवनः दक्षिण 24 परगना जिले में रातभर बारिश हुई। इस बीच, सुंदरवन तटों पर इसकी वजह से चेतावनी संकेत जारी कर दिये गये हैं। हालांकि रविवार सुबह से बारिश की मात्रा थोड़ी कम हो गई है, लेकिन नदी और समुद्री तट पर तेज हवाएं चल रही हैं। बादलों भरा आकाश समुद्र अशांत होने के कारण रविवार को भी मछुआरों को गहरे समुद्र में जाने से मना किया गया है।
उधर, आपदा से निपटने के लिए शनिवार को नबन्ना से जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उपमंडलीय राज्यपालों के साथ वर्चुअल बैठक के बाद सुंदरवन के हर ब्लॉक में माइक से चेतावनी अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस कुलतली, नामखाना में नदी किनारे चेतावनी अभियान चला रही है। जिले के प्रखंड कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष खोले गये हैं।
आपातकालीन प्रतिक्रिया कर्मियों को तैयार रखा गया है। चक्रवात आश्रय स्थल खोले गए हैं। लोग वहां अभी से शरण लेने लगे हैं। नदी किनारे की बस्तियों पर प्रशासन की विशेष नजर है। जरूरत पड़ने पर लोगों को उनके घरों से निकालकर बाढ़ केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है। सुंदरबन तट पर फूस के घरों के निवासियों को चक्रवात आश्रयों में ले जाने के लिए पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ब्लॉक दर ब्लॉक पर्याप्त राहत का स्टॉक किया जा रहा है।
सिंचाई विभाग सुंदरवन में कमजोर नदी तटबंधों पर नजर रख रहा है। किसी भी बड़ी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जिला एवं राज्य प्रशासन को तत्काल सूचना देने का निर्देश दिया गया है। यदि आवश्यक हुआ तो उपमंडल प्रशासन जिले के समुद्रतटीय पर्यटन केन्द्रों पर समुद्र एवं नदी में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएगा।
दरअसल पूर्व के अनुभवों की वजह से अधिक सतर्कता बरती जा रही है। यहां के आदमखोर बाघों को बस्ती की तरफ आने से रोकने के लिए लगे नायलॉन की जाली की बाड़ क्षतिग्रस्त हो गई। दूसरी तरफ पानी बढ़ने से मगरमच्छ भी नये इलाकों तक पहले भी आ चुके हैं। इसलिए भी अधिक सतर्कता बरती जा रही है। इससे पहले भी भारी बारिश के बाद सुंदरबन में वन विभाग के कर्मियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले 40 सुरक्षा शिविरों में से अधिकांश जलमग्न हो गए थे।