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नईदिल्लीः अमित शाह ने राजस्थान भाजपा के शीर्ष नेताओं के समक्ष अपनी नाराजगी जतायी है। देर रात हुई बैठक में पार्टी में चल रही गुटबाजी को लेकर प्रदेश नेताओं को कड़ी फटकार लगाई गई। पार्टी नेताओं को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पार्टी सबसे ऊपर है। इसलिए टीम की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को एकजुट होना होगा।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी कई केंद्रीय मंत्रियों को टिकट देने पर विचार कर रहा है। इस सूची में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवालेरा शामिल हैं। कई सांसदों को भी टिकट दिया जा सकता है। इसके उलट विजयराजे सिंधिया अब तक अमित शाह के आगे समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा परसो शाम जयपुर पहुंचे। हालांकि पार्टी की कोर कमेटी के साथ बैठक स्थानीय पार्टी कार्यालय में होने वाली थी, लेकिन अमित शाह ने हवाई अड्डे के पास एक होटल को चुना। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पंद्रह नेताओं की सूची सौंपी और उन्हें होटल में उपस्थित होने को कहा।
सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बशुंधरा राजे को बुलाया गया। दोनों पक्षों के बीच करीब पंद्रह मिनट तक मुलाकात हुई। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय नेताओं ने सवाल किया कि राज्य में हाल ही में हुए परिवर्तन मार्च में पर्याप्त लोग क्यों नहीं थे। भाजपा के एक वर्ग के अनुसार, वसुंधरा खेमे ने यात्रा में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया।
बैठक में राजे से कहा गया कि पार्टी इसे ठीक से नहीं ले रही है। अगले चरण में, नड्डा और शाह ने राजस्थान के मौजूदा नेता प्रह्लाद जोशी, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, कैलास चौधरी, राज्य विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ के साथ बैठक की। बैठक करीब तीन घंटे तक चली।
इसके बाद पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष चर्चा में शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, नेताओं ने अलग-अलग इलाकों और केंद्रों पर चर्चा की। प्राथमिक लक्ष्य के रूप में तय, पार्टी मेवाड़, मारवाड़, शेखावाटी, हाडोती और पूर्वी राजस्थान में अधिक सीटें जीतने के लिए कूद पड़ेगी। केंद्रीय नेतृत्व ने साफ संदेश दिया है कि पार्टी का लक्ष्य राजस्थान में सत्ता हासिल करना है। इसलिए केवल उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा जिनके जीतने की संभावना होगी। किसी भी भाई-भतीजावाद या आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में उन मुद्दों पर भी चर्चा हुई कि राजस्थान की गहलौत सरकार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।