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झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन में भूत की चर्चा, देखें वीडियो

  • पहले यह श्मशान और कब्रिस्तान था

  • हाल में एडवोकेट एसोसियेशन में पूजा हुई

  • उल्टी दलील है कि पैदल चलने में परेशानी है

राष्ट्रीय खबर

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म होता जा रहा है। दरअसल हाल के दिनों में कई दुर्घटनाओं और मौतों की वजह से लोग इस भवन के निर्माण से पूर्व यहां सही ढंग से पूजा नहीं होने की दलील देने लगे हैं। पुराने लोगों के मुताबिक जमीन अधिग्रहण से पहले इस भूखंड पर कई लोगों का श्मशान था। इसके अलावा अन्य धर्म के लोग भी यहां अपने परिचितों के शवों को दफन किया करते थे। हाई कोर्ट का निर्माण प्रारंभ होने के पहले ही कई पुराने वकीलों ने उस वक्त के मुख्य न्यायाधीश पटेल से पूजा पाठ करा लेने की अपील की थी।

अब वर्तमान स्थिति यह है कि इस नये भवन में हाईकोर्ट का काम काज प्रारंभ होने के बाद उस सड़क पर कई बड़े हादसे हो चुके हैं। इस वजह से लोग अब सुनसान सड़क पर जाने से भी कतराने लगे हैं। इसके बीच ही सोशल मीडिया पर हाईकोर्ट के भवन के अंदर एक लकड़ी की सीढ़ी को अपने आप ही आगे बढ़ते दिखाये जाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है।

देखें वह वीडियो,  जिसकी सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है

मामले की छानबीन में इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है कि यह वीडियो झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन का है अथवा नहीं। दूसरी तरफ हाल के दिनों में वहां कई सड़क दुर्घटनाओं की पुष्टि हो गयी है। इसके अलावा कई परिवारों में भी एक के बाद एक मौत से इस चर्चा को बल मिला है। दूसरी तरफ वैज्ञानिक सोच रखने वालों की दलील है कि दरअसल यह इतना बड़ा भवन है कि एक अदालत से दूसरी अदालत तक पैदल जाने में लोगों को परेशानी होती है। इस वजह से भी ऐसी कहानियां प्रसारित की जा रही है।

सच्चाई का पता लगाने के क्रम में यह जानकारी भी मिली है कि लगातार हादसों और परिवार में अकाल मौत से परेशान कई लोगों ने वहां के वकीलों के संघ के कार्यालय में एक पूजा का आयोजन भी किया था। पूजा में कई न्यायाधीश भी परोक्ष रूप से शामिल हुए थे। पूजा होने के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक ठाक रहा लेकिन अब दोबारा से लोगों को वहां अजीब किस्म की अनुभूति हो रही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर हाईकोर्ट में काम करने वालों का कहना है कि हर रोज कार्यालय बंद कर चले जाने के बाद अगले दिन वापस कार्यालय खोलने पर ऐसा प्रतीत होता है कि उनके जाने के बाद कोई यहां आया था। इस वजह से भी लोग परेशान हो रहे हैं।

जमीन अधिग्रहण किये जाने के बाद वहां दफन किये गये लाशों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए किसी पूजा अथवा अन्य धार्मिक आयोजन वहां हुआ था अथवा नहीं, इसका पता नहीं चल पाया है। इस सुंदर से परिसर में पहले लोग रात के वक्त भी सपरिवार गाड़ियों मे घूमने जाया करते थे। जैसे जैसे इस किस्म के किस्से कहानी सोशल मीडिया में जारी हो रहे हैं, रात को वहां लोगों का जाना भी तेजी से कम होता जा रहा है।

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