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कोलकाताः क्रिकेट से संन्यास के पांच दिन बाद फिर से मैदान में लौटे मंत्री क्रिकेटर। मंगलवार को सीएबी के मीडिया सेंटर में मनोज ने अपने संन्यास की घोषणा की, उनके साथ अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली भी बैठे थे। सीएबी सचिव नरेश ओझा उपस्थित थे।
मनोज ने कहा कि उन्होंने बंगाल के लिए रेड बॉल क्रिकेट का एक और सीजन खेलने का फैसला किया है। बंगाल के कप्तान ने रणजी जीतने के बाद संन्यास लेने की इच्छा जताई। मनोज ने कहा, मैंने अचानक संन्यास लेने का फैसला किया। मैं स्वार्थवश यह निर्णय स्वयं लेता हूं। मेरे फैसले से मेरे परिवार, टीम के साथियों और प्रशंसकों को दुख हुआ होगा। सोशल मीडिया पर अपने संन्यास का एलान करने के बाद पत्नी ने खूब खरी-खोटी सुनाई।
फिर उन्होंने स्नेहाशीष गांगुली से बात की। उन्होंने मुझे एक साल और बंगाल के लिए खेलने के लिए मना लिया।’ सीएबी का प्यार और सम्मान अविस्मरणीय है। बंगाल क्रिकेट संगठन खिलाड़ियों के लिए बहुत कुछ करता है। मैं प्रशंसकों और शुभचिंतकों से माफी मांगता हूं। अगले सीजन में मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा और बंगाल को सफलता दिलाऊंगा।’
सीएबी अध्यक्ष स्नेहाशीष गांगुली ने कहा, मनोज के संन्यास लेने के फैसले से मैं बहुत हैरान था। मैंने उनसे संपर्क किया और कहा, लगभग दो दशकों तक बंगाल का प्रतिनिधित्व करने के बाद, यह सेवानिवृत्ति प्रक्रिया सही नहीं है। उनके जैसे क्रिकेटर और नेता को क्रिकेट के मैदान पर संन्यास लेना चाहिए, ऐसे नहीं।
बंगाल क्रिकेट में उनका योगदान बहुत बड़ा है। इसलिए वह विशेष विदाई के पात्र हैं। पांच दिन पहले ही मनोज ने संन्यास की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर एक लंबे संदेश में उन्होंने बैट-पैड रखने का फैसला किया। इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए क्रिकेट को कहा अलविदा। लेकिन सीएबी बॉस से लेकर उनके बंगाल टीम के साथियों तक, किसी को भी संन्यास के बारे में नहीं पता था।
मनोज ने उनसे बिना कोई चर्चा किए संन्यास लेने का फैसला कर लिया। तो आखिरकार, सीएबी अध्यक्ष के अनुरोध पर, 37 वर्षीय क्रिकेटर ने अपना संन्यास तोड़ दिया और क्रिकेट में वापसी की। इससे पहले बंगाल की कई लड़ाइयों के हीरो ने कई बार कहा था कि वह रणजी जीतकर संन्यास लेना चाहते हैं। इस बार वो मौका था। लेकिन ईडन में रणजी फाइनल में बंगाल सौराष्ट्र से हार गया। तो सभी ने मान लिया कि मनोज इस साल भी बंगाल की जर्सी में नजर आएंगे। लेकिन उन्होंने अचानक संन्यास का एलान कर सभी को चौंका दिया। आखिरकार मंत्री क्रिकेटर के सामने रणजी जीतने का एक और अवसर प्राप्त होगा।