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मिजोरम के सीएम की निंदा जारी
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कई स्थानों पर जोरमथंगा का पुतला फूंका
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गोलीबारी में घायल महिला पुलिसकर्मी की मौत
भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है । मणिपुर में 27 जुलाई को तड़के उपद्रवियों द्वारा किए गए बम हमले में पांच लोगों के घायल होने और दो लोगों के मारे जाने की खबर के बाद राज्य में हिंसा की एक नई लहर दौड़ गई।हिंसाग्रस्त मणिपुर के भारत-म्यांमार सीमावर्ती शहर मोरेह में बुधवार को ताजा हिंसा भड़क उठी। मोरेह में उपद्रवियों और सुरक्षाबलों में भीषण गोलीबारी की खबर है। इसमें एक महिला पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
इस बीच, कुकी और मैतेई समुदायों के बीच फिर से झड़पें हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, चुराचांदपुर जिले के तहत कांगवई में 27 जुलाई को सुबह लगभग 4 बजे एक और गोलीबारी हुई, जिसमें बदमाशों ने बम गोलाबारी और गोलीबारी की, जिसमें कुकी-जो गांव के तीन स्वयंसेवक घायल हो गए और एक की मौत हो गई। घायलों की पहचान एस मोलहोई गांव के जंगखोलेन हाओलोप (28), जंगनोम्फाई गांव के कममिनलाल (32), एस बोलकोट गांव के तंजाहाओ (34) और एस बोलकोट गांव के लुनमिनथांग (30) के रूप में हुई है।
अब मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा में बुधवार (26 जुलाई) आधी रात को एक पुलिया के पास खड़ी एसयूवी गाड़ी में बम धमाका होने से तीन नागरिक घायल हो गए। बीते दिन भी मणिपुर ईस्ट के थंगजिंग क्षेत्र में गोलीबारी हुई थी। हिंसा के दौरान राज्य के कुछ मंत्रियों के घरों में आगजनी भी की गई है। मोरेह जिले में उपद्रवियों ने घरों को जला दिया और नागरिकों पर हमला किया। सूत्रों के मुताबिक असम पुलिस, मोरेह पुलिस, सीडीओ और बीएसएफ की एक संयुक्त टीम कुकी आतंकवादियों के साथ भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें म्यांमार के केएनए और पीडीएफ शामिल हैं। इस भीषण गोलीबारी में एक महिला पुलिकर्मी की मौत होने की खबर है। अभी तक उनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है।
दूसरी ओर, मणिपुर के मोरेह में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच ताजा झड़पें भी सामने आईं। दोनों समुदायों के बीच पथराव होने की खबर है। उपद्रवियों ने मोरेह में भी कई घरों और दुकानों में आग लगा दी।मणिपुर के इंफाल पश्चिम के गांव फौबाकचाओ इथाई अवांग लीकाई में घर को निशाना बनाकर किए गए बम हमले में एक युवक के घायल होने की खबर है। घायल युवक की पहचान लोंगजाम नाओचा के रूप में हुआ है। घायल को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मणिपुर के वर्तमान संकट के संबंध में मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा के कथित भड़काऊ बयान की निंदा अभी भी मणिपुर के विभिन्न स्थानों से हो रही है। आज इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने जोरमथंगा का पुतला जलाकर और विभिन्न नारे लगाकर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
हालांकि, एक बहुत ही अप्रत्याशित तरीके से, मणिपुर पुलिस द्वारा 27 जुलाई को कांगला किले के पश्चिमी द्वार पर एकत्र प्रदर्शनकारियों के हाथ से जोरमथंगा का पुतला छीन लिया गया था। यह घटना दोपहर करीब ढाई बजे हुई जब माई मणिपुर के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर उनकी टिप्पणी और उनकी गलत छवि पेश करने को लेकर पुतला जलाने की कोशिश की।
इस मौके पर माई मणिपुर के प्रवक्ता मंगलेइमा सलिंगनबी ने कहा कि जोरामथंगा द्वारा वर्तमान संकट के संबंध में और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ दिया गया बयान बेहद निंदनीय है। मणिपुर में प्रशासन की देखभाल करने और हिंसा से दूर रहने के लिए अपनी सरकार है।
मिजोरम के मुख्यमंत्री का हमारे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ इतनी अपमानजनक टिप्पणी करना, जिन्हें हम लोगों का मुख्यमंत्री मानते हैं, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जोरमथंगा को 3 मई से शुरू हुए मणिपुर संकट पर अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करना बंद करना चाहिए। हमारी अपनी सरकार है और हमें मणिपुर के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद नहीं करना चाहिए। उसे अपनी सीमा नहीं लांघनी चाहिए।