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विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक बेंगलुरु में 13 जुलाई को

  • पहले शिमला में निर्धारित थी यह बैठक

  • 23 जून को पटना में मिले थे सारे नेता

  • दोनों ही कांग्रेस शासित राज्य की राजधानी

राष्ट्रीय खबर

मुंबईः 23 जून को नीतीश कुमार द्वारा पटना में बुलाई गई 15 भाजपा विरोधी पार्टियों के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अगली बैठक शिमला में होगी। अब इस एलान में फेरबदल हुआ है। नई जानकारी के मुताबिक विपक्ष के नेताओं की बैठक शिमला के बदले बेंगलुरु में होने जा रही है।

यह बात गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कही। उन्होंने कहा, यह फैसला चर्चा के आधार पर किया गया है। शरद ने बैठक की तारीख बदलने का भी संदेश दिया है। उन्होंने कहा, 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी गठबंधन की दूसरी बैठक होगी। संयोग से, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा पटना में बुलाई गई 15 भाजपा विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

23 जून को नीतीश कुमार ने कहा कि अगली बैठक शिमला में होगी। विपक्षी खेमे के सूत्रों के मुताबिक, पहले तय हुआ था कि बैठक 12 जुलाई को होगी। पटना में चार घंटे की बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल नेता ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने का संदेश दिया।

एकमात्र अपवाद आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल थे। उनकी पार्टी ने अगली बैठक के बहिष्कार की भी घोषणा की है जब तक कि कांग्रेस सार्वजनिक रूप से दिल्ली में नौकरशाही पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय अध्यादेश के विरोध की घोषणा नहीं करती। शरद ने गुरुवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना बैठक में विपक्षी एकता को लेकर चिंतित हैं।

इसलिए उन्होंने भोपाल में भाजपा के कार्यक्रम से विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा। वैसे अचानक बैठक का स्थान क्यों बदला गया, इसे लेकर भी अटकलबाजी तेज हो गयी है। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक दोनों ही कांग्रेस शासित राज्य हैं। कुछ लोगों का मानना है कि हिमाचल में प्रतिकूल मौसम भी इसके आयोजन स्थल को बदलने का एक कारण हो सकता है। औपचारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

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