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इलाके के अधिकांश लोग खेती पर निर्भर
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कई महानगरों का मार्केट यहां से चलता है
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किसानों ने इसकी बदौलत बदल ली किस्मत
तवरेज अंसारी
बेड़ोः बेड़ो, कृषि उत्पादन बजार समिति पंडरा राँची द्वारा संचालित बेड़ो सब्जी मंडी झारखंड के राजधानी राँची से सटे प्रसिद्ध सब्जी उत्पादक मंडी है। जहां से प्रतिदिन 40 से 50 ट्रक सब्जी देश के विभिन्न राज्यों बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश,मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व तमिलनाडु जैसे जगहों में भेजा जाता है।
थोक सब्जी खरीदारी में यह झारखंड का सबसे बड़ा मंडी है। यहां प्रत्येक दिन आलु, टमाटर, मटर, लौकी, बैंगन, फ्रेंचबीन, पत्ता गोभी, फूलगोभी, करेला, बोदी, भिंडी सहित कई सब्जियों का थोक और खुदरा बिक्री प्रतिदिन होती है।
वहीं सप्ताह के तीन दिन सोमवार, गुरुवार और शनिवार को बाजार लगते हैं। जहां आस-पास के किसान अपने उपज की सभी तरह की सब्जी बिक्री करते हैं।
अभी बेड़ो और आस पास के इलाकों से मिर्च की फसल की अधिक आमद होने की वजह से उन्हें ज्यादा भेजा जा रहा है।
झारखंड के बेड़ो पठारी क्षेत्र होने के कारण यहां के उपजी सब्जी अच्छी क्वालिटी व स्वादिष्ट होती है,दूसरे राज्यों से अच्छा होता है।
यही कारण है कि यहां के सब्जियों का दूसरे राज्यों कि लोग अधिक खाना पसंद करते हैं।
बेड़ो बाजार से प्रत्येक दिन बड़े-छोटे वाहनों से व्यापारीयों के माध्यम से अलग-अलग राज्यों भेजा जाता है। रबी की फसलों में बाजार में सबसे ज्यादा कद्दू, खिरा, फ्रेंचबीन, बैगन, सिमला मिर्च, बंधा गोभी, फुल गोभी, निनुवा व टमाटर सहित सभी तरह गर्मी फसल बिक्री के लिए किसान मंडी लाते हैं।
बेड़ो सब्जी मंडी में बेड़ो, लापुंग, इटकी, मांडर, चान्हों सहित लोहरदगा जिला के भंडरा व कुडू, गुमला जिला के भरनो व सिसई सहित खुटी जिला के कर्रा प्रखंड के किसान थोक सब्जी बिक्री के लिए लाते हैं।
खास तौर से गर्मी के मौसम में उपजने वाली हरी सब्जी में कद्दू, खिरा, फ्रेंचबीन, बैगन, सिमला मिर्च, बंधा गोभी, फुल गोभी, निनुवा व टमाटर प्रचुर मात्रा में किसान बिक्री के लिए अहले सुबह से मंडी में आ जाते हैं।
जहां व्यापारी एक ओर सब्जी की खरीददारी करते हैं, तो दूसरी ओर सब्जी की पैकिंग कर छोटे-बड़े मालवाहक वाहनों से बाहर की मंडी के लिए भेजते हैं। वहीं बड़ी विडंबना है कि बाजार में अधिक सब्जी बिक्री के लिए आने पर व्यापारीयों द्वारा मनमानी तरीके से सब्जी की कीमत में गिरावट कर देते हैं, वहीं कई बार माप-तौल में भी गड़बड़ी होने पर किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
साथ हीं कृषि बाजार समिति द्वारा बाजार में लगी इलेक्ट्रोनिक बोर्ड खराब रहने के कारण व्यापारी मनमाने ढंग से कीमत सब्जी की लगाते हैं।
बेड़ो व आस-पास के क्षेत्रों की मिट्टी में प्रचुर मात्रा में कद्दू, बंध गोभी व फ्रेंचबीन की पैदावार होती है। खसतौर से यहां के किसान इन फसलों की खेती करते हैं।
वहीं कद्दू की खेती दोन की खेतों में किया जाता है। कम लागत में अधिक मुनाफा किसान को इस फसल से मिलती है। बजार में इसकी कीमत कम होने के बावजूद भी किसान को अच्छा मुनाफा होती है।
कद्दू की मांग बेड़ो सब्जी मंडी में काफी मात्रा में होती है, जो बाहर के राज्यों में यहां के व्यापारियों द्वारा भेजा जाता है। बंधा गोभी एक ऐसी सब्जी है जो यहां के किसान अब सालो भर उत्पादन करने लगे हैं।
कम मेहनत और अधिक उपज होने के कारण खासकर गर्मी व जाड़ा के मौसम अधिक मात्रा में खेती करते हैं।
बंधा गोभी की मांग हमेशा स्थानीय व बाहर की मंडीयों में रहती है। जिस कारण मांग के अनुरूप उत्पाद भी अधिक होती है।
इससे किसानों को मुनाफा भी अच्छी खासी होती है। इधर फ्रेंचबीन बरसात व गर्मी के मौसम में यहां के किसान खेती करते हैं।
खासकर गर्मी के मौसम में इसकी उत्पादन इतनी अधिक हो जाती है कि इसकी कीमत में भारी गिरावट आती है। जिससे किसानों को कई बार भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। वहीं इस फसल में कीमत कभी-कभी शादी व्याह व बंगाल में अचानक मांग बढ़ने के इसकी कीमत कई गुना वृद्धि हो जाती है। इससे किसानों को अच्छा खासा किसानों को कीमत मिल जाती है।