रांचीः रांची के उपायुक्त ने जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर मुखिया एवं अन्य लोगों की मदद लेने का निर्णय लिया है। दरअसल रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने इसके अलावा भी कई मुद्दों पर बैठक की थी।
इसमें राज्य स्तरीय एक्शन प्लान के तहत योजना बनाने का निर्णय लिया गया। वनों में आग से संबंधित पोर्टल पर मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, स्कूल के शिक्षक का मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया जाएगा। पोर्टल पर मोबाईल नंबर रजिस्टर करने पर वन अग्नि से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होने लगता है।
जिसमें आग लगे स्थान पर आक्षांश-देशांतर की भी जानकारी मिलती है। इसके माध्यम से आग लगे स्थल पर पहुंचा जा सकता है। मोबाइल नंबर रजिस्टर करने के बाद सैटेलाइट के माध्यम से फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून से आग लगने का अलर्ट प्राप्त होने लगेगा।
भारतीय सैटेलाइटों के जरिए जंगल में कहीं भी आग लगने की स्थिति में बिल्कुल सही इलाके की जल्द पहचान हो पायेगी। जिससे आग बूझाने के लिए वन विभाग को स्थानीय मदद मिलेगी और सटीक स्थान तक पहुंचना और आसान हो जाएगा।
इस बैठक में झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समाज द्वारा महुआ संग्रहण पर ग्रामीणों के बीच जागरुकता फैलाने एवं प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया, ताकि ग्रामीण वनों में बिना आग लगाए महुआ का संग्रह कर सके। साथ ही महुआ से निर्मित अलग-अलग खाद्य सामग्रियों पर भी प्रशिक्षण दिए जाने या निर्णय लिया गया।
ग्रामीण अंचलों में प्रायः लोगों द्वारा कच्चे महुआ फूल से शराब का अवैध निर्माण पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया।
ग्रामीण स्तर पर अवैध शराब की प्रथा पुरानी है लेकिन बदले परिवेश में अब अवैध शराब के कारोबारी भी गरीबों को लालच देकर इस धंधे में धकेल रहे हैं। इससे अवैध शराब का खतरा बढ़ गया है। आबकारी विभाग के लोग समय समय पर इसके खिलाफ कार्रवाई तो करते हैं पर वह पर्याप्त नहीं है।