रांचीः भूमि घोटाले पर मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार समय रहते झारखंड बनने के साथ ही शहरी क्षेत्रों के भूमि का सर्वे कराकर रिकॉर्ड ऑफ राइट बना लेती तो इस प्रकार के घोटाले को अंजाम भूमि माफिया नहीं दे पाते। इस संबंध में सिंहभूम जिला सरकार के समक्ष ज्वलंत उदाहरण है।
ऐसा लगता है कि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार नहीं चाहती है कि इस प्रकार के घोटालों से निजात मिले। उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कही। उन्होंने कहा कि रांची और अन्य शहरी क्षेत्रों में भूमि घोटाला का मुख्य कारण शहरी क्षेत्र की भूमि की मांग शहरीकरण के कारण बढ़ता जा रहा है। प्रसाद ने कहा कि भूमि के स्वामित्व का निर्धारण रिकॉर्ड ऑफ राइट या खतियान से होता है झारखंड विशेषकर शहरी क्षेत्रों की भूमि का रिकॉर्ड ऑफ राइट से बना है।
गत 80 से 90 साल पुराना है। मात्र सिंहभूम का रिकॉर्ड ऑफ राइट आजादी और जमींदार उन्मूलन के बाद का है। प्रसाद ने कहा कि रांची मुंसिपल क्षेत्र का रिकॉर्ड ऑफ राइट साल 1927का है जो कि ब्रिटिश गवर्नमेंट के समय का है। उक्त अवधि में जमीन का निबंधन कोलकाता में होता था। जिसका दुरुपयोग का परिणाम अभी सेना की भूमि घोटाला के रूप में देखा जा रहा है।
प्रसाद ने कहा कि यदि सरकार समय रहते या झारखंड बनने के साथ ही शहरी क्षेत्रों के भूमि का सर्वे कराकर रिकॉर्ड ऑफ राइट बना लेती तो इस प्रकार की घोटाले को भूमि माफिया अंजाम नहीं दे पाते। इस संबंध में सिंहभूम जिला सरकार के समक्ष उदाहरण है। प्रसाद ने कहा कि ऐसा लगता है कि अप्रत्यक्ष रूप से सरकार ही नहीं चाहती है, कि इस प्रकार के घोटालों से निजात मिले।
प्रसाद ने बताया कि भूमि का सर्वे होने से गलत ढंग से जो जमीन का ट्रांसफर हुआ है वह भी पकड़ में आ जाएगा और सरकारी जमीन का घोटाला भी प्रकाश में आएगा। प्रसाद ने बताया कि रिकॉर्ड रूम में अभिलेख फट चुका है उसमें छेड़छाड़ करने की सम्भावना भी है और उसका अनुचित लाभ भूमि माफिया और सरकारी ऑफिसर उठाते रहे हैं।
लेकिन इस दिशा में कोई सरकार ठोस कदम नहीं उठाई है। प्रसाद ने कहा कि भूमि के संबंध में जिला उपायुक्त को काफी शक्ति प्राप्त है। इसका दुरुपयोग उनके द्वारा भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा खामियाजा झारखंड और मूल निवासियों को उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बीमारी अब सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित ना रह कर शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कांके, नामकुम, नगड़ी जैसे इलाकों में भी फैलना शुरू हो गया है। प्रसाद ने मूलवासी सदान मोर्चा की ओर से सरकार से मांग करते हुए कहा की जमीन का सर्वे अभिलंब कराने की मांग की और दोषी अधिकारियों के उपर कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई करने और जितनी भी मूल निवासियों की भूमि को गलत ढंग से हड़प्पा गया है उसको वापस करवाने की मांग की है। प्रसाद ने कहा जमीन का सर्वे पूरा नहीं होने तक भूमि के हस्तांतरण पर रोक लगाने की मांग की है।