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संपादकीय
चुनाव से बड़ी चुनौती आसन्न जलसंकट है
पूरे देश को चुनावी बुखार चढ़ाने की भरसक कोशिश हो रही है। नेताओं के भाषण और रैलियों में अलग अलग किस्म के वादे किये जा रहे हैं, जो पूरे होंगे…
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राज्यपालों का राजनीतिक आचरण गलत
यह बार बार देखा जा रहा है कि गैर भाजपा शासित राज्यों में भी केंद्र सरकार राज्यपालों को आगे कर अपना एजेंडा स्थापित करने की चालें चल रही हैं।…
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भाजपा पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी है
लोकसभा चुनाव का अहम मुद्दा बनता जा रहा चुनावी बॉंड
जनता को बार बार धोखा दिया गया
काफी सोच समझकर लाया गया था इसे…
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मैं तेरे इश्क में मर ना जाऊं.. .. .. ..
जो कुछ बोला सभी पर तो भरोसा किया लेकिन अब तो चुनावी चंदे का फंडा भी समझ में आ रहा है। क्या हमारे इसी विश्वास का ऐसा ईनाम दिया जा रहा है। मान…
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आचार संहिता की चुनौतियां किसके लिए
लोकसभा चुनाव के कार्यक्रमों का एलान हो चुका है। इसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू भी हो चुकी है। यह चुनाव दरअसल दुनिया के सबसे…
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अदालत की भी अग्निपरीक्षा का दौर है
फिल्मों में अदालती दृश्यों में आंख पर पट्टी बांधे कानून की प्रतिमा नजर आती है। इस पर न्यायपालिका से जुड़े कई विद्वानों ने समय समय पर सफाई दी…
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चुनावी बॉंड पर चुप्पी का राज क्या है
दिल्ली शराब मामले के सरकारी गवाह द्वारा भाजपा को चंदा देने अथवा केंद्रीय एजेंसियों की छापामारी के तुरंत बाद चुनावी बॉंड खरीदने वाली कंपनियों…
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बाद में भाजपा को भी यह सब झेलना होगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी भारत के लोकतंत्र और संघवाद की दिशा पर…
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ये कहां आ गये हम यूं ही साथ चलते चलते.. .. ..
ये कहां आ गये यानी देश दरअसल किधर जा रहा है। एक तरफ पापा यूक्रेन का युद्ध रुकवा रहे हैं तो यहां अपने विरोध में उठने वाले हर स्वर को दबाने…
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एसबीआई के भय का राज भाजपा से जुड़ा
चुनावी बांड के खरीददारों और प्राप्तकर्ताओं के बारे में विवरणों के खुलासे से होने वाले घिनौने खुलासे संशयवादियों की शुरुआती आशंका की पुष्टि…
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एसबीआई ने सरकार को भी संदिग्ध बना दिया
चुनावी बॉंड के मामले को याद करें। बमुश्किल तीन सप्ताह हुए हैं जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद…
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भारतीय राजनीति का चेहरा दिखाता चुनावी बॉंड
चुनावी बांड के खरीददारों और प्राप्तकर्ताओं के बारे में विवरणों के खुलासे से होने वाले घिनौने खुलासे संशयवादियों की शुरुआती आशंका की पुष्टि…
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चुनाव आयोग का प्रथम ग्रासे मक्षिकापात्
चुनाव आयोग ने सभी दलों को चेतावनी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उसके बाद निशाने पर आ गये। तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ आदर्श आचार…
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मोदी का भी टीवी चैनलों से मोहभंग
राहुल गांधी ने अकेले ही खास तौर पर मुख्य धारा की मीडिया को संदेह के घेरे में ला दिया है। उनके कार्यक्रमों का प्रसारण नहीं करने की वजह भी…
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क्या हम अब ऑनलाइन वोटिंग की नहीं सोच सकते
हर तरफ से चुनावी खर्च के बढ़ने की चर्चा होती है। पहले यह दलील दी जाती थी कि बैलेट पेपर से वोट कराने का खर्च और समय बहुत अधिक लगता है। इसके…
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