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राज्य के बकाये की मांग को लेकर मांग
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मंत्री नहीं मिले तो सचिव से ही भिड़े
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राज्य का बकाया मांगने पर दबाव
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः तृणमूल कांग्रेस के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने नये किस्म की राजनीति से देश की राजधानी को गरमा दिया है। वह पश्चिम बंगाल के बकाये रकम की मांग को लेकर पूर्व सूचना देकर ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मिलने दिल्ली आये थे। जब वह मंत्री से मिलने गये तो यह बताया गया कि विभागीय मंत्री बिहार चले गये हैं।
इस सूचना के बाद वह विभागीय सचिव के पास इसी बकाये की मांग को लेकर चले गये और यह जानना चाहा कि आखिर पश्चिम बंगाल का जायज बकाया क्यों नहीं दिया जा रहा है। अब इस घटना में नाटकीय मोड़ आ गये हैं। अब तृणमूल कांग्रेस ने एक पत्र में कहा कि गिरिराज सिंह के सचिव ने उनके बिहार चले जाने पर झूठ कहा था। वह दिल्ली में देखे गये हैं।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने झूठा दावा किया है। ऐसा आरोप लगाते हुए तृणमूल ने मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखा था। तृणमूल लोकसभा नेता सुदीप बनर्जी और राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन को पत्र के निचले भाग में हस्ताक्षरकर्ताओं के रूप में नामित किया गया था। तृणमूल ने पत्र में कहा कि गिरिराज के सचिव ने दावा किया था कि मंत्री बिहार के लिए रवाना हो गए हैं और एक सप्ताह तक वापस नहीं आएंगे। लेकिन उन्हें परसों दिल्ली में देखा जा सकता है! तृणमूल ने कहा कि लोकसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन भी गिरिराज को संसद भवन में देखा गया था।
इस झूठ के खिलाफ मोर्चा लेते हुए तृणमूल ने सीधे मंत्री को लिखा, आपके सचिव ने कहा कि आप बिहार के लिए निकल गए हैं और एक हफ्ते तक वापस नहीं आएंगे। लेकिन हमें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आप दिल्ली में हैं। हमारे सांसद भी आपको लोकसभा में देखते हैं और संसद में आपसे मांग करते हैं।
तृणमूल ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि एक मंत्री के सचिवालय से इस तरह के झूठ की उम्मीद नहीं की जा सकती। पत्र में 100 दिनों के बकाए को निपटाने के लिए गिरिराज से चर्चा करने के लिए एक बार फिर मंत्री का समय मांगा गया है। इस नाटक की बुधवार को शुरूआत हुई। उस दिन तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक के नेतृत्व में 25 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मिलने दिल्ली के कृषि भवन गया था।
मंत्री से मिले बिना ही सांसदों ने सचिव को अपनी मांग बता दी। सचिव से बातचीत में अभिषेक ने कहा, 100 दिन के काम में अनियमितता के आरोप हैं तो जरूरी हो तो सीबीआई जांच कराओ, कोर्ट जाओ, लेकिन राज्य का बकाया चुकाओ। सचिव ने तृणमूल प्रतिनिधिमंडल को बताया कि मंत्री सुबह संसद में थे।
इसके बाद वे अपने संसदीय क्षेत्र में काम करने के लिए बिहार चले गए। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री मंत्रालय में नहीं थे। सचिव ने सांसदों से बैठकर चाय-कॉफी लेने को कहा। लेकिन अभिषेक ने उनसे कहा, हम लोग चाय-कॉफी के लिए नहीं आए हैं। हम बकाया चुकाने के लिए प्रतिबद्धता चाहते हैं। उसके बाद दोपहर करीब दो बजे तृणमूल के 25 सांसद कृषि भवन में धरने पर बैठ गये। अब इस पत्र के बाद यह मसला और भी पेचिदा हो गया है।