रांचीः कल यानी पांच मार्च की शाम को अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पूरे राज्य में चिकित्सकों की मांगों के समर्थन में कैंडल मार्च का आयोजन किया गया।
इस संदर्भ में पूरे झारखंड राज्य के हर एक जिला में कैंडल मार्च का आयोजन किया गया है इसी क्रम में रिम्स राँची में सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर कैंडल मार्च करते हुए एवं परिसर में में नारे लगाते लगाते हुए कैंडल मार्च किया।
इस मार्च में डॉक्टर से सम्बंधित सारे संगठन के अलावा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं वीमेन डॉक्टर विंग तथा अन्य संगठनों के सदस्य शामिल थे।
हाल के दिनों में हजारीबाग गढ़वा राँची लोहरदगा धनबाद में हुए चिकित्सकों पर हुए हमला सरकारी चिकित्सा सेवा को इमरजेंसी सेवा घोषित करते हुए बायोमेट्रिक से वेतन को जोड़ने के आदेश से मुक्त रखना एवं धनबाद में डॉ हाजरा दाम्पति एवं राँची रिम्स के वरीय चिकित्सक डॉ सौरभ के साथ हुए दुखद घटना में सरकार के द्वारा मुआवजा एवं प्रावधानो के अंतर्गत उनकी पत्नी को नौकरी देने की मांग की गयी है।
आईएमए द्वारा पूर्व में ही एलान किया गया था कि 1 मार्च को सफल सांकेतिक कार्य बहिस्कार के उपरांत अगर सरकार 12 मार्च 2023 तक चिकित्सकों का मांग को पूरा नहीं करती है तो पूरे राज्य में सरकारी प्राइवेट तथा मेडिकल से सम्बंधित सारी इकाई अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे।
डाक्टरों ने स्पष्ट किया है कि वे कभी भी इस तरह का निर्णय लेना नहीं चाहते है पर विवश होकर उन्हें आंदोलन के लिए ऐसा रास्ता अपनाना पड़ रहा है। डाक्टरों के संगठन ने राज्य के जनता से भी अनुरोध किया है कि वे राज्य सरकार को चिकिसको से सम्बंधित सारे समस्याओ का निदान करने का अपील करें।
ज्ञात हो कि देश के 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है एवं हरियाणा, उत्तर प्रदेश में 50 बेड के अस्पतालो को क्लिनिकल एस्टेबिलिसमेंट से मुक्त रखा गया है। सरकार से भी अपील है कि हमारी उपरोक्त मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए यथा शीघ्र जनहित में मांगो को पूरी करें ताकि चिकित्सक समाज भय मुक्त माहौल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा सके।