कियेबः रूसी मिसाइलों की बारिश के बीच ही यूक्रेन की सेना ने जवाबी हमला किया है। नये साल के जश्न के बीच ही यूक्रेन की सेना ने रूस के कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन में यह हमला किया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस क्रम में चार रॉकेट दागे गये थे। इससे 63 सैनिकों की मौत हुई है।
दूसरी तरफ यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने चार सौ रूसी सैनिकों को मार डाला है। इस हमले में काफी संख्या मे सैनिक घायल भी हुए हैं। दूसरी तरफ रूसी मिसाइलों के हमले से तबाह होते यूक्रेन के लिए सबसे बड़ी परेशानी बिजली संकट है। इसी वजह से अब सरकारी स्तर पर इस बात का एलान किया गया है कि लोग जहां तक हो सके अपने अपने घरों में बिजली की बचत करें। हर बार रूसी मिसाइलों के हमले से यूक्रेन की बिजली व्यवस्था बाधित हो रही है। दूसरी तरफ अत्यधिक ठंड के मौसम में बिजली नहीं होने के आम जनता को भारी कष्ट उठाना पड़ रहा है।
यूक्रेन के इस हमले के बारे मे पता चला है कि रूसी कब्जे वाले डोनेस्क इलाके में लगातार पच्चीस रॉकेट दागे गये थे। वहां पर एक स्कूल में रूसी सेना ने अपना अस्थायी शिविर बना रहा था। हमले में इसी शिविर में मौजूद रूसी सैनिक हताहत हुए हैं। वैसे इस बात की भी चर्चा है कि दरअसल यह हमला माकिवका के एक कोल माइनिंग सेंटर पर हुआ है।
हमले में भवन का बहुत बड़ा हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, ऐसा बताया गया है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि रॉकेट गिरने की वजह से वहां के बारूद भंडार में भी विस्फोट हो गया। इस भंडार में विस्फोट की वजह से ही रूसी सेना को अधिक नुकसान पहुंचा है। रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन ने अमेरिका से मिले हिमार्स मिसाइल की मदद से यह हमला किया है।
यूक्रेन ने इस भवन में बहुत अधिक संख्या में मोबाइल फोन का इस्तेमाल होने की वजह से इस स्थान पर अधिकाधिक रूसी सेना के होने का अनुमान लगाया था। उसके बाद यह हमला किया गया। यूक्रेन की सेना की तरफ से यह दावा किया गया है कि इस एक हमले में वहां पर चार सौ से अधिक रूसी सैनिक मारे गये हैं।