Breaking News in Hindi

खड़गे ने मणिपुर के हालात पर चिंता जताई

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः मणिपुर की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की निरंतर चुप्पी और निष्क्रियता पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के साथ अन्याय है।

अपने पत्र में, खड़गे ने शाह से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया कि मणिपुर में एक बार फिर लोकतंत्र और कानून का शासन कायम हो। उन्होंने दावा किया, मैं आपको बहुत गंभीर चिंता के विषय पर लिख रहा हूं। मणिपुर में हिंसा भड़के लगभग नौ महीने हो गए हैं और स्थिति बद से बदतर हो गई है।

खड़गे ने राज्य में हाल के घटनाक्रमों का विवरण दिया, जिसमें कहा गया कि 24 जनवरी को इम्फाल के ऐतिहासिक कांगला किले में मंत्रियों/सांसदों/विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी, जहां केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की भारी सुरक्षा है। उन्होंने दावा किया कि बैठक में मौजूद कई सदस्यों को एक सशस्त्र समूह द्वारा इस बैठक में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।

इससे पहले कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि वहां पर इस आतंकवादी समूह के द्वारा एक कांग्रेसी विधायक और दो भाजपा विधायकों के साथ मार पीट भी की गयी थी। आतंकवादी समूह के सामने इस किस्म से सरकार का हथियार डाल देना तालिबानी पद्धति की याद दिलाता है।

इससे साबित हो जाता है कि दरअसल मणिपुर की हिंसा के पीछे मणिपुर क मुख्यमंत्री एन बीरेन सिहं का परोक्ष समर्थन भी है। जहां इन विधायकों को बुलाया गया था, वहां राज्य की पुलिस का पहरा था और पास ही केंद्रीय एजेंसियों की एक शिविर भी स्थापित की गयी है।

यह राज्य को और अधिक हिंसा में धकेलने वाला कदम है और साफ हो जाता है कि वहां लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। खुद मुख्यमंत्री भी ऐसे हथियारबंद गिरोहों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि पुलिस अथवा अर्धसैनिक बलों की वर्दी पहनकर ऐसे हथियारबंद आतंकवादी गांवों पर हमला कर रहे हैं। अर्धसैनिक बलों द्वारा पकड़े जाने की स्थिति में वे महिलाओं को आगे कर देते हैं। जिसकी वजह से सुरक्षा बल गोली तक नहीं चलाते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.