Breaking News in Hindi

पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने लगाये गंभीर आरोप

  • प्रदेश के नेताओं की अहमियत नहीं रही

  • कांग्रेस से सिर्फ सम्मान की शर्त रखी थी

  • पता नहीं हाईकमान क्यों ध्यान नहीं देता

राष्ट्रीय खबर

बेंगलुरुः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने अपना टिकट कटने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता बीएल संतोष को जिम्मेदार ठहराया है। श्री संतोष का नाम इससे पहले तेलंगना में टीआरएस (अब बीआरएस) के विधायकों को खरीदकर सरकार गिराने में आ चुका था।

श्री शेट्टार ने कहा कि बीएल संतोथ प्रारंभ से ही अपनी पसंद को व्यक्ति को मेरे बदले टिकट देने की साजिशों में जुटे हुए थे। अब कर्नाटक भाजपा की ऐसी हालत हो गयी है कि कोई भी प्रदेश का नेता कुछ बोलने से डरता है और कुछ कहा भी जाए तो केंद्रीय नेतृत्व उन बातों को अहमियत नहीं देता है।

पूर्व सीएम के मुताबिक अब पुराने भाजपा नेताओं को दरकिनार कर श्री संतोष अपनी गुटबाजी में व्यस्त हैं और उनकी मंशा पुराने नेताओं को हटाकर अपनी पसंद को लोगों को आगे बढ़ाने की है। इसे प्रदेश के दूसरे नेता भी समझ रहे हैं पर उनकी मजबूरी है कि केंद्रीय नेतृत्व उनकी बात सुनने तक के लिए तैयार नहीं है।

हुबली में अपने घर पर पत्रकारों से बात करते हुए श्री शेट्टार ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडू, केरल और पश्चिम बंगाल में भी श्री संतोष पर पार्टी की जिम्मेदारी थी। तीनों राज्यों में वह सफल नहीं होने के बाद भी यह बात समझ से परे है कि पार्टी नेतृत्व उनपर इतना भरोसा क्यों करता है।

उन्होंने इसी क्रम में कहा कि उन्हें ईडी, इनकम टैक्स या सीबीआई से डर नहीं लगता है। पिछले तीस वर्षों के राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं रहा है। इसलिए अब अगर यह केंद्रीय एजेंसियों मेरे खिलाफ कार्रवाई करती है तो जनता सच और झूठ का फर्क करना जानती है।

अपने कांग्रेस में शामिल होने के संबंध में उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस नेतृत्व से सिर्फ एक शर्त रखी थी कि उनके वरीयता को देखते हुए उन्हें पूरा सम्मान मिलना चाहिए। वह इस बात से खुश है कि कांग्रेस पार्टी ने इस सम्मान को कायम रखा है।  उनका बयान तब आया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि शेट्टार को भाजपा में लौट आना चाहिए।

दूसरी तरफ वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि शेट्टार क चलिए जाने के पीछ बीएल संतोष का हाथ नहीं है। वैसे उनके पार्टी छोड़ जाने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। श्री बोम्मई ने कहा कि राज्य में लिंगायत समुदाय राजनीतिक तौर पर सचेतन है। इसलिए जगदीश शेट्टार अथवा लक्ष्मण सावदी के चले जाने के बाद भी यह समुदाय सही समय पर सही फैसले लेगा।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।