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टिपरा मोथा ने कहा वादा नहीं निभाता तो विपक्ष में

त्रिपुरा से भाजपा को फिर से मिल रहे तूफान आने के संकेत

राष्ट्रीय खबर

अगरतलाः हाल ही में दोबारा सरकार बनाने के बाद भी भाजपा की परेशानियां अभी त्रिपुरा में समाप्त होती नजर नहीं आ रही हैं। टिपरा मोथा खेमा से जो संकेत मिले हैं, वे भाजपा के लिए अच्छे नहीं है। इस क्षेत्रीय दल का आरोप है कि भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया है। इसलिए अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो पार्टी त्रिपुरा में विपक्ष में रहेगी।

पार्टी के मुखिया और त्रिपुरा राजघराने के सदस्य प्रद्योत माणिक्य देवबर्मन ने कहा कि अगर लोगों के अधिकारों से जुड़ी मांगें नहीं मानी गईं तो वे राज्य में विपक्षी दल की भूमिका निभाएंगे। त्रिपुरा की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, टिपरा मोथा ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी स्वर उठाया, लेकिन बाद में भाजपा के प्रति नरमी का संकेत दिया।

लेकिन उन्होंने केंद्र और त्रिपुरा की सत्तारूढ़ पार्टी पर भाजपा के खिलाफ अपनी बात नहीं रखने का आरोप लगाया है। पार्टी के मुखिया और त्रिपुरा राजघराने के सदस्य प्रद्योत माणिक्य देवबर्मन ने कहा कि अगर स्थानीय लोगों के अधिकारों की मांग पूरी नहीं हुई तो वे राज्य में विपक्षी दल की भूमिका निभाएंगे।

हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर केंद्र से चर्चा करते रहेंगे। भाजपा त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 31 सीटें जीतकर दूसरी बार एकल बहुमत वाली पार्टी बनी है। जनता के अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर टिपरा मोथा को पहली ही बार के चुनावी मैदान में 13 सीटें मिली हैं। गठबंधन में सीपीएम को 11, कांग्रेस को 3 सीटें मिली थीं।

जनजातियां त्रिपुरा की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं। प्रद्योत ने इन लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक संवैधानिक समाधान की मांग की। कुछ दिन पहले प्रद्योत ने ट्वीट किया था कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें फोन किया और आश्वासन दिया कि लोगों के अधिकारों पर चर्चा के लिए 27 मार्च को एक मध्यस्थ नियुक्त किया जाएगा।

लेकिन प्रद्योत ने शिकायत की, उसके बाद भी केंद्र ने अपनी बात नहीं रखी। इस बीच त्रिपुरा की राजनीति में यह खबर फैल रही थी कि टिपरा मोथा भाजपा सरकार में शामिल होने जा रहे हैं। भाजपा के एक सूत्र यह भी दावा कर रहे थे कि टिपरा मोथा विधायकों के लिए कई अहम पद खाली रखे जा रहे हैं। लेकिन खुद प्रद्योत ने उस कयास पर पानी फेर दिया। यानी अगर मांग पूरी नहीं हुई तो फिलहाल त्रिपुरा विधानसभा में सीपीएम और कांग्रेस के साथ विपक्ष की सीट पर टिपरा मोथा के विधायक बैठेंगे।

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