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पंजाब के चार खालिस्तानी नेताओं को डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया

मुख्यमंत्री ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का एलान किया

सब्यसाची शर्मा

गुवाहाटीः पंजाब से गिरफ्तार किये गये चार खालिस्तानी नेताओं को एहतियात के तौर पर असम के डिब्रूगढ़ जिला सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसका मकसद स्थिति और बिगड़ने से बचाना है। इन चारों के अलावा समर्थकों को कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है। इसके अलावा पंजाब पुलिस के 27 आला अधिकारी और अधिकारी खालिस्तानियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा शर्मा ने टिप्पणी की कि खालिस्तानियों को पंजाब सरकार के अनुरोध पर असम में रखा गया था।

खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले खालिस्तान समर्थक संगठन वारिश पंजाब डी खालिस्तान के खिलाफ पंजाब पुलिस पहले ही व्यापक अभियान चला चुकी है। किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पूरे पंजाब में इंटरनेट सेवाएं पहले ही बंद कर दी गई हैं।

इसके अलावा, अशांति से ग्रस्त पंजाब में इंटरनेट सेवा कटऑफ की अवधि सोमवार दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दी गई है। जालंधर सहित पूरे पंजाब में व्यापक पुलिस कार्रवाई के परिणामस्वरूप खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के 78 खालिस्तानी समर्थकों और सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि खालिस्तान समर्थक संगठन का स्वयंभू नेता अमृतपाल सिंह भागने में सफल रहा। अमृतपाल सिंह द्वारा छोड़ी गई कार से बड़ी संख्या में अवैध व अवैध असलहे, रायफल आदि बरामद करने में सफल रही। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और पंजाब के आवासों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

विभिन्न हलकों को संदेह है कि पंजाब के 4 खालिस्तानी नेताओं के लिए जिस तरह से असम के डिब्रूगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था की गई है, उसी तरह खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को भी यहां लाया गया है। लेकिन डिब्रूगढ़ में सुरक्षा एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक चारों में से नहीं है। इस मामले में सिर्फ संदेह पैदा हुआ है। इस खबर की कोई गारंटी नहीं है।

रविवार को पंजाब से 4 खालिस्तानी नेताओं को वायुसेना के विशेष विमान से असम के डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी एयरपोर्ट लाया गया। विद्रोही खालिस्तानी नेताओं के साथ पंजाब पुलिस के 27 शीर्ष अधिकारी और अधिकारी कांस्टेबल थे। हालांकि, इससे पहले शनिवार सुबह पंजाब पुलिस की एक शीर्ष टीम डिब्रूगढ़ पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पर शनिवार से अचानक सुरक्षा बढ़ा दी गई। शनिवार की रात भी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सेना और अर्धसैनिक बल के शीर्ष स्तर के अधिकारियों ने शनिवार रात डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। खालिस्तान समर्थकों को ले जा रही आशा बायसोना फ्लाइट को भी सुरक्षा गार्डों ने घेर लिया था।

इसके अलावा, पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का दौरा किया और सुरक्षा पहलुओं की समीक्षा की और कुछ बदलावों का अनुरोध किया। इसके मुताबिक डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

इस संदर्भ में नई दिल्ली में मौजूद मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, सुरक्षा कारणों से अपराधियों को इस तरह एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने का नियम है। पंजाब पुलिस ने अनुरोध किया कि चार गिरफ्तार खालिस्तानी समर्थकों को असम की जेलों में रखा जाए। ऐसे में इन बागी नेताओं को असम में रखा गया है।

मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि उनके मामले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।दूसरी ओर असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थकों में दलजीत सिंह कलसी, प्रधान बजाग, गुरमीत सिंह समेत एक अन्य शामिल हैं। हालांकि, डिब्रूगढ़ पुलिस प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियों और पंजाब पुलिस की तरफ से आधिकारिक तौर पर किसी के नाम का एलान नहीं किया गया है।

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