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भाजपा ने राज्य के मंत्री इसराइल मंसूरी का इस्तीफा मांगा

  • मुजफ्फरपुर के कांटी में राहुल सहनी की हत्या

  • प्रश्न काल में भी भाजपा सदस्यों का शोर शराबा

  • मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की हुई मांग

पटना: बिहार विधानसभा में आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने राज्य के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री इसराइल मंसूरी पर कांटी हत्याकांड के पीड़ितों को धमकाने का आरोप लगाते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर हंगामा किया । विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिंहा ने मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना क्षेत्र में राहुल सहनी की पिछले दिनों हुई हत्या का मामला उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसी सदन में हत्याकांड के संदर्भ में सारे कागजात दिए गए थे और आज मृतक की माता मंजू देवी थाना में बैठी हुई है ।

उन्होंने कल ही थाने में आवेदन दिया है कि रात में उन्हें धमकी दी गई है कि बेटा की हत्या कर दी गई है अब दामाद की हत्या करेंगे। यह धमकी मंत्री इसराइल मंसूरी के लोगों ने दी है । श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री इसका जवाब दें कि इस हत्याकांड से संबंधित सभी कागजात देने के बावजूद अबतक मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी तक क्यों नहीं दर्ज की गई है । उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है इस पर तुरंत सरकार को जवाब देना चाहिए ।

सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इसके बाद प्रश्नोत्तर काल शुरू करने की घोषणा की । वहीं, भाजपा के सदस्य सरकार से जवाब देने की मांग को लेकर अपनी सीट से ही शोरगुल करने लगे । तब सभा अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बातें सदन में रख दी हैं और सरकार के संज्ञान में भी ये बातें आ गई हैं इसलिए अब प्रश्नोत्तरकाल को चलने दिया जाए ।

विपक्ष के सदस्य सभा अध्यक्ष के अनुरोध को नहीं माने और सरकार से जवाब की मांग को लेकर शोरगुल करते रहे । इस पर सभा अध्यक्ष ने भाजपा के सदस्यों से कहा कि ऐसा नहीं होता है कि आप तुरंत सवाल करें और तुरंत सरकार उसका जवाब दे दे ।

सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने और प्रश्नोत्तरकाल शुरू होने पर भाजपा सदस्य हाथों में पोस्टर लेकर सदन के बीच में आ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। शोरगुल के बीच ही प्रश्नोत्तरकाल चलता रहा । इसी दौरान कांग्रेस के अजीत शर्मा ने कहा कि जिस तरह से ये लोग प्रश्नकाल को बाधित कर रहे हैं यह सिर्फ सदन का नहीं जनता का भी अपमान है। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ।

भाजपा सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के बीच ही करीब 15 मिनट तक प्रश्नकाल चलता रहा और उसके बाद भाजपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए । करीब 18 मिनट के बाद प्रश्नोत्तर काल के दौरान ही भाजपा के सदस्य एक बार फिर सदन में लौट आए।

सभाध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात कहने का मौका दिया तब उन्होंने फिर दोहराया कि पीड़ित परिवार थाना के अंदर बैठ कर रो रहा है। मुख्यमंत्री को सारे कागजात दे दिए गए हैं और उस समय उन्होंने कहा था कि वह सारी जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे लेकिन अभी तक प्राथमिकी में मंत्री का नाम नहीं जोड़ा गया है। मंत्री पद का दुरुपयोग हो रहा है, इसलिए मंत्री को तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

दस दिनों से ज्यादा हो चुका है इसलिए सरकार को इस बारे में जवाब देना चाहिए । इस पर सभा अध्यक्ष ने कहा कि आपने पूर्व में भी इस मामले को उठाया था । सरकार इस मामले को देख रही है और उचित समय पर इसका जवाब देगी। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि इस मामले में सरकार तो अपने स्तर से कार्रवाई कर ही रही है लेकिन प्रतिपक्ष के नेता ने जो सूचना दी है उसे भी वह ग्रहण कर लें।

भाजपा के नंदकिशोर यादव ने कहा कि यह सवाल पहले भी सदन में उठा है और हम लोग तब प्रसन्न हुए थे जब मुख्यमंत्री ने इस मामले पर संज्ञान लिया था और इन लोगों को बुलाया तथा कागजात लिया । यह सामान्य परंपरा रही है कि जिस बात पर मुख्यमंत्री संज्ञान लेते हैं उस पर सरकार क्या करती है वह बताती है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि अभी ही बताएं लेकिन कभी न कभी बताती है। इसलिए संसदीय कार्य मंत्री बताएं कि सरकार इस संबंध में कब अपना वक्तव्य देगी ।

इस बीच ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अध्यक्ष के आसन पर भी रहे हैं। बिहार विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली को वे और हम सब लोगों ने पढ़ा है । यह परंपरा भी नहीं रही है कि किसी सवाल को नेता प्रतिपक्ष उठाएं और सदस्य बहिर्गमन कर गए हो और फिर सदन में उसी सवाल को उठायें । इससे सदन की गरिमा गिरती है। उन्होंने कहा कि सदन में नियम का पालन होना चाहिए ।

यह सदन नियम और परंपराओं से चलता है । श्री कुमार ने कहा कि हम सब और पूरा सदन यह जानना चाहता है कि यह सदन नियम से चलेगा या दबाव से । विरोधी दल के लोग सदैव दबाव से सदन चलाना चाहते हैं, यह सही नहीं है । इस पर सभाध्यक्ष ने कहा कि सदन नियम और कानून से ही चलेगा। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिना किसी कारण के सदन से बाहर चले गए और फिर बिना बुलाए ही सदन में आए हुए हैं, यह परिपाटी नहीं है।

इस पर भाजपा के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई वहीं संसदीय कार्य मंत्री समेत सत्ता पक्ष के सदस्य अपनी हंसी रोक नहीं पाए। इसके बाद भाजपा के सदस्य एक बार फिर शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। कुछ देर बाद नेता प्रतिपक्ष भी सदन के बीच में आकर धरना पर बैठ गए ।

इस पर सभा अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को यह शोभा नहीं दे रहा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया लेकिन वह नहीं माने । भाजपा सदस्यों के शोरगुल-हंगामे और नेता प्रतिपक्ष के सदन के बीच में धरना पर बैठे रहने के बावजूद सभा की कार्यवाही जारी रही। इस दौरान प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण भी हुआ । इसके बाद सभाध्यक्ष ने भोजनावकाश के लिए सभा की कार्यवाही दो बजे दिन तक स्थगित कर दी ।

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