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रांचीः मार्च महीने में ही खूंटी जिले में पानी की उत्पन्न संकट को देखते हुए गांवों के लोग बुंद-बुंद पानी का संचयन करने में जुटे हैं। जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और स्थानीय ग्रामसभाओं के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत गांव-गांव में बोरीबांध का निर्माण कर जल संचयन करने का काम किया जा रहा है, जिससे प्रचंड गर्मी में भी इन गांवों में पानी की समस्या नहीं होगी और भूगर्भिय जलस्तर भी उपर आएगा।
सोमवार को तोरपा प्रखंड के गुटूहातू गांव में आठ और मुरहू प्रखंड के सुरूंदा गांव में चार बोरीबांध का निर्माण अभियान के तहत किया गया। ग्रामीणों का उत्साहवर्द्धन करने क्षेत्र के युवा नेता सुदीप गुड़िया और सेवा वेलफेयर सोसाईटी के देवा हस्सा ग्रामीणों के साथ रहे।
सेवा वेलफेयर सोसाईटी के देवा हस्सा ने बताया कि अब तक जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुल 31 बोरीबांध का निर्माण किया जा चुका है। लक्ष्य 200 बांध बनाने का है। तोरपा के गुटूहातू गांव में कुल 170 परिवार हैं। ग्रामसभा में निर्णय लिया गया कि हर परिवार से एक-एक महिला या पुरूष का बोरीबांध में श्रमदान करना अनिवार्य है।
गांव के विभिन्न दिशाओं में बिड़ोर चुंआ गड़ा, गोम्पाई गड़ा आदि नाले निकलकर कारो नदी से मिलते है। गांव के लोगों सभी नालों पर कुल आठ स्थानों पर बोरीबांध का निर्माण कर दिया है। गांव के लोगों ने आठ अलग-अलग स्थानों पर भोजन भी पकाने का काम किया। बोरीबांध बनाने के बाद सभी टोलियों के लोगों ने भोजन भी किया।
गुटूहातू में बोरीबांध निर्माण में ग्रामसभा सचिव हेरमन गुउ़िया, बिरसिंह गुड़िया, नूतन गुड़िया, जोन गुड़िया, विनय गुड़िया, हेराम्बी गुड़िया, सरोज गुड़िया, बेरोनिका गुड़िया, चमरी गुड़िया, एनेम गुड़िया, अलसेम गुड़िया, पियूष गुड़िया, लोदरो पाहन, सुखराम पाहन समेत संपुर्ण ग्रामसभा सदस्यों ने श्रमदान किया।
ग्रामप्रधान मानसिद्ध गुड़िया ने कहा कि ये नाले गर्मी के मौसम में सूख जाया करते थे, जिससे ग्रामीणों के साथ मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना पड़ता था। अब बांध बन जाने के बाद गांव में पानी की समस्या नहीं होगी। यही नहीं गांव के लोग साग-सब्जी की खेती भी कर सकेंगे।
इधर सुरूंदा गांव में मुरहू नाला पर ग्रामप्रधान सवाना मुंडू के नेतृत्व में गांव के 40 युवाओं ने महज चार घंटे में चार बोरीबांध का निर्माण किया। सवना मुंडू ने कहा कि बोरीबांध बनने के बाद अब गांव के लोग खेती करेंगे। लोग बोरीबांध निर्माण की आस में खेतों की जुताई-कुड़ाई कर तैयार कर रखा है।
उन्होंने कहा कि बांध बनने से गांव के लोगों समेत महिलाओं को नहाने-धोने में परेशानी नहीं होगी। सुरूंदा में श्रमदान करने वालों में गंगू मुंडू, नारायण मुंडू, हिन्दू पाहन, दुगा पाहन, सोहर सिंह मुंडा, लोरसिंह मुंडा, बिरसा मुंडू, मोंगला पाहन, महादेव पाहन, सोमा बोदरा, भोंडो मुंडा, डिबार मुंडा, बेन्जामिन मुंडू, दयानंद मुंडू, भोला मुंडू, गंगाराम पाहन, सुंदर मुंडा आदि युवा शामिल थे।