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माताजी आश्रम हाता में पदावली कीर्तन का आयोजन

हाताः आज माताजी आश्रम हाता में चल रहे रामकृष्ण जन्म महोत्सव का दूसरा दिन रात में पदावली कीर्तन का आयोजन किया गया।रामकृष्ण मंदिर में संध्या आरती के पश्चात हरि मंदिर में अष्टम प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का अधिवास किया गया।

उसके बाद कमल कांति घोष ने कथामृत पाठ किया।कथामृत पाठ के पश्चात गौर विष्णु प्रिया सम्प्रदाय नवद्वीप के द्वारा पदावली कीर्तन प्रस्तुत किया गया।

पदावली कीर्तन बिख्यात पदावली गायिका श्रीमती काकली घोष ने प्रस्तुत की।पदावली पाला का नाम,,उत्तरा गोष्ठ,, था जो भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला से आधारित था।यंत्र संगीत में श्रीखोल में रॉबिन घोष और विश्वनाथ बिश्वास,केसियो में बिमल पाल और करताल में नेपाल देवनाथ सहयोग दिया।

पदावली संगीत के पूर्व कलाकारों को सुनील कुमार दे ने स्वागत और माल्यार्पण किया तथा अंत मे धन्यवाद ज्ञापन हरगौरी महतो ने किया।इस अबसर आश्रम की ओर से हीरालाल दे,शंकर चंद्र गोप,दुलाल मुखर्जी, कमल कांति घोष ,राजकुमार साहू,कृष्ण पद मंडल,तपन मंडल,मोहितोष मंडल,सहदेव मंडल,स्वपन मंडल,बेबी मंडल,

बुलुरानी मंडल,सावित्री गोप,करुणामय मंडल,सुधांशु मिश्र, कृष्ण गोप,चंचल हालदार,पद्मावती कुंडु,कमलेश मिश्रा,विश्वामित्र खंडायत,डाक्टर बृहस्पति मंडल,बीथिका मंडल,डॉक्टर उज्वल मंडल,झरना साहू,कविता महतो के अलावे बिभिन्न गांव के अनेक कीर्तन प्रेमी उपस्थित थे।

रामकृष्ण जयंती सह वार्षिक उत्सव के शुभ अबसर पर अष्टम प्रहर अखंड हरिनाम संकीर्तन का आयोजन शुभारंभ हुआ।हरिनाम संकीर्तन का शुभारंभ जुड़ी पंचायत के मुखिया सुखलाल सरदार ने धूप द्वीप प्रज्वलित करके किया।उन्होंने इस अबसर पर कहा,,हरिनाम करने से शरीर और मन दोनों पवित्र होता हैं।

पूर्व विधायक मेनका सरदार ने कहा,,हरिनाम से शांति मिलती है इसलिए सभी को हरिनाम करना चाहिए।इस अबसर पर हल्दीपोखर के मुखिया देवी भूमिज, सुधांशु मिश्र,मधुसूदन भट्टाचार्य, बीरेंद्र सिंह,सुनील कुमार,शंकर चंद्र गोप,कृष्ण गोप,विश्वामित्र खंडायत, राजकुमार साहू,कृष्ण कांत मंडल,कमल कांति घोष,सहदेव मंडल,

तड़ित मंडल, मोहितोष मंडल,भास्कर दे,तरुण दे,महेश बियानी,वेवी मंडल,बुलु मंडल,कांता देवी,तपन मंडल,निवारण मोदी,सावित्री गोप,लोचना मंडल,शिला पालित,स्वपन मंडल,नीलकमल पाल,हरगौरी महतो,कविता महतो आदि उपस्थित थे।हरिनाम संकीर्तन में बुरुडीह,भुमरी,जुरीपाहारी,पोड़ा भालकी,पुरलुपुंग, डारु,हेंसलबिल और छोटो आमदा कीर्तन सम्प्रदाय भाग ले रहे हैं।

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