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विशाल आकार का शार्क फंसा मछुआरे की जाल में

राष्ट्रीय खबर

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के पर्यटकों के लिए दीघा एक पसंदीदा नाम है। इसी इलाके के समुद्री तट पर शोर सुनकर वहां की तरफ दीघा गये पर्यटकों का भी ध्यान आकृष्ट हुआ था। अनेक लोग सुबह सुबह ही शोरगुल सुनकर वहां पर पहुंचे थे। लोगों ने देखा कि कई मछुआरे एक साथ मिलकर एक जाल को खींचकर निकालने की कोशिश कर रहे थे।

अनेक लोगों को मिलकर ऐसा करते देख मछली प्रेमी बंगाली पर्यटक समझ गये थे कि जाल में कोई बड़ी मछली है। इसलिए वहां मछली रसिकों की भीड़ भी एकत्रित हो गयी थी। पूरी ताकत लगाकर जब जाल खींचा गया तो उसे देखकर सभी हैरान हो गये। दरअसल जाल में एक बहुत बड़े आकार का शार्क फंसा हुआ था।

दीघा के समुद्री तट पर पकड़ी गयी इस शार्क मछली का  वजन दो सौ किलो है। इतनी बड़ी और भारी मछली हाल के दिनों में पहली बार पकड़ायी है। वैसे दीघा के मछुआरों के मुताबिक बड़े आकार की मछलियां पहले भी पकड़ी जाती रही हैं लेकिन यह कोई आम बात नहीं है।

200 किलो की इस मछली को देखने के लिए वहां घूमने आये सैलानियों और आम लोगों का तांता लग गया। जैसे ही मछली को दीघा मोहना मछली नीलामी केंद्र में लाया जाता है, अन्य मछुआरे भी भीड़ में इकट्ठा हो जाते हैं। वह मछली करीब 40 हजार रुपए में बिकी।

वहां मौजूद तमाशबीन पर्यटकों के मुताबिक कांथी निवासी मिर्जा स्थित बेग के आशीर्वाद ट्रॉलर में बुधवार को यह विशाल मछली पकड़ी गई थी। व्यापारियों के मुताबिक करीब तीन साल बाद इतनी बड़ी समुद्री काई मछली दीघा मुहाना के मछुआरों के जाल में फंसी है।

इस बीच जाल से निकाले जाने से लेकर नीलामी तक पहुंचने के बाद अनेक लोगों ने मछली के साथ सेल्फी भी ली। पता चला है कि बशीरहाट की मछली पकड़ने वाली कंपनी ने 200 किलो वजनी एक बड़ी मछली खरीदी है। गौरतलब है कि कभी-कभी दीघा में मछुआरों के जाल में बड़े आकार और वजन की मछलियां फंस जाती हैं।

कभी तेलिया भोला तो कभी विशाल आकार की शंकर मछली। ऐसी मछली मछुआरे के लिए लॉटरी का टिकट होती है। एक महीने पहले समुद्री मछली की एक और दुर्लभ प्रजाति मछुआरों के जाल में फंसी थी। स्थानीय लोगों के अनुसार उस मछली का नाम चिरूनी फाल था। साथ ही यह भी पता चला है कि इस दुर्लभ प्रजाति के कंघे की हड्डी से और उसके पंखों से जीवनदायिनी औषधि बनाई जाती है।

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