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राज्य सभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

  • धनखड़ की अपील का नहीं हुआ कोई असर

  • बाद में विपक्ष के सदस्य भी तैश में आ गये

  • अरुण सिंह गोहिल को बोलने ही नहीं दिया

नयी दिल्ली: राज्य सभा में गुरुवार को सत्तापक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिये स्थगित करनी पड़ी।

सभापति जगदीप धनखड़ ने दूसरे स्थगन के बाद 5.15 बजे जब सदन की कार्यवाही आरंभ करते हुए कांग्रेस के अरुण सिंह गोहिल को बोलने के लिए पुकारा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी।

इस पर श्री धनखड़ ने सदस्यों से शांत होने और सदन संचालन में सहयोग की अपील की, लेकिन नारेबाजी कर रहे सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

अंत में उन्होंने कहा कि मात्र पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही स्थगित की जाती है। इससे पहले सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी थी।

पहले स्थगन के बाद 4.30 मिनट पर सदन की कार्यवााही शुरू करते हुए श्री गोहिल का नाम केंद्रीय बजट 2023-24 पर चर्चा शुरू करने के लिए पुकारा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ सदस्य आसन के समक्ष आने के लिए तैयार हो गये।

श्री धनखड ने सदस्यों ने शांत होने और सदन संचालन में सहयोग की अपील की। उधर विपक्ष के सदस्यों ने भी जोर-जोर से बोलना आरंभ कर दिया। इससे सदन में शोरगुल होने लगा और सभापति ने लगभग तीन मिनट के बाद सदन की कार्यवाही 5.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले भोजनावकाश के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण का धन्यवाद प्रस्ताव पारित कराने के पश्चात केंद्रीय बजट पर चर्चा शुरु कराने के लिए श्री गोहिल का नाम पुकारा तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस हंगामे के बीच श्री गोहिल ने बोलने से इन्कार कर दिया।

कई बार उनका नाम पुकारे जाने और उनके खड़े होने के बावजूद सत्तापक्ष शोर गुल के कारण वह अपना वक्तव्य शुरू नहीं कर सके। इसके बाद श्री धनखड़ ने चर्चा आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अरुण सिंह का नाम पुकारा तो उन्होंने अपना वक्तव्य आरंभ किया।

इस बीच, श्री गोहिल ने केंद्रीय बजट पर अपना वक्तव्य देने की इच्छा प्रकट की। श्री धनखड ने फिर से श्री गोहिल का नाम पुकारा तो भाजपा के नेता भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि श्री गोहिल को फिर से बोलने का अवसर देना नियमों के विरूद्ध है।

उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार यदि कोई सदस्य अपने नंबर पर नहीं बोलता है तो उसका नंबर बाद में आता है। सभापति ने श्री यादव को सुनने के बाद श्री गोहिल को फिर से बोलने की अनुमति दे दी। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

स्थिति को देखते हुए श्री धनखड़ ने चार बजे सदन की कार्यवाही 4.30 बजे तक लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तर दिये जाने के दौरान कांग्रेस समेत विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते रहे थे।

टीएमसी नेता सौगत राय ने बजट को गरीब विरोधी बताया

लोकसभा में बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने बजट प्रावधानों को गरीब विरोधी बताया और कहा कि इसमें गरीबों और बेरोजगारों के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का बजट कम किया गया है।

श्री रॉय ने कहा कि कृषि के लिए बजट आवंटन कम किया गया है। फर्टिलाइजर मद में भी बजट में कटौती कम की गयी है। बजट में ग्रामीण क्षेत्र की उपेक्षा की गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा था कि 2022 में किसानों की आय दुगुनी कर दी जायेगी, क्या कोई कह सकता है कि कृषकों की आय दुगुनी हुई है।

उन्होंने कहा कि किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार जुमला सरकार है। यह सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करती है, धरातल पर कोई ठोस कार्य होते दिखाई नहीं देते।

इससे पहले उन्होंने सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मौजूद न होने का मुद्दा उठाया और कहा कि बजट पर इतनी महत्वपूर्ण चर्चा चल रही है तो वह सदन में उपस्थित नहीं हैं।

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