बयानराज काजराजनीति

रविशंकर प्रसाद ने कहा मामाजी और जीजाजी का घोटाला किसने किया

संसद में अब सत्तारूढ़ पक्ष की तरफ से किया गया हमला

  • अडाणी की सफाई में बोले भाजपा नेता

  • पहले के घोटालों का सदन में जिक्र किया

  • श्रीलंका के अधिकारी ने बयान वापस लिया था

नयी दिल्ली: भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी मां एवं पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बुधवार को आरोप लगाया कि बोफोर्स, 2जी, कोयला, राष्ट्रमंडल खेल एवं नेशनल हेराल्ड मामले में घोटाले एवं भ्रष्टचार में आकंठ लिप्त उनका परिवार डील/कमीशन के खत्म होने और उन्हें भारत की उद्यमशीलता एवं प्रगति से परेशान है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 31 जनवरी के संसद के संयुक्त सत्र में दिये गये अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर कल शुरू हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए श्री गांधी के मामाजी ओतावियो क्वात्रोची और जीजाजी रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी तीखे तंज कसे।

उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि श्री गांधी यात्रा करके आये हैं और कल उनके भाषण में तल्खी, गुस्सा और हताशा देखी थी। दरअसल यात्रा में किससे मिलते हैं, उसका भी असर होता है। यात्रा में एक पूर्व मुख्यमंत्री सेना से सबूत मांग रहे थे जिन्हें कांग्रेस के संचार प्रमुख रोक रहे थे।

श्री प्रसाद ने कहा कि विदेश नीति के बारे में बात करते हुए श्री गांधी ने जिस अधिकारी का हवाला दिया। उस अधिकारी ने अपना बयान वापस ले लिया था और राष्ट्रपति राजपक्षे ने उसका खंडन भी किया था।

कई मामलों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने यह जरूर साबित कर दिया कि वह भारत की तरक्की के खिलाफ हैं। वह नहीं चाहते हैं कि भारत के उद्यमी बाहर जा कर काम करें। वह भारत में निर्मित वैक्सीन के खिलाफ थे। इसके लिए उन्होंने भारतीय वैक्सीन की कितनी खिल्ली उड़ायी थी।

दरअसल वह भारत की उद्यमशीलता की खिल्ली उड़ा रहे थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी, श्री राहुल गांधी तक सब संघ की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन आज संघ कहां है और कांग्रेस कहां, यह उन्हें देखना चाहिए।

कांग्रेस की सीटें 2024 में और भी घटने वाली है। उन्होंने कहा कि श्री गांधी की सारी बातें झूठ, शर्मनाक और बेबुनियाद हैं। उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार में डूबा है।

राज्यसभा में खडगे ने अभिभाषण को दिशाहीन बताया

नयी दिल्ली : राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर संयुक्त संसदीय समिति – जेपीसी गठित करने की मांग दोहराते हुए बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण दिशाहीन है और इसमें भविष्य के बारे में कोई योजना नहीं है।

श्री खड़गे ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि एक उद्योग समूह की संपत्ति असाधारण ढंग से बढ़ी है और यह देश के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काबिज है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे, बंदरगाह, सीमेंट, खनन, सड़क निर्माण तथा अन्य कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह उद्योग समूह है।

विपक्ष के नेता ने कहा कि इस उद्योग समूह ने सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक, बैंक आॅफ बड़ौदा तथा जीवन बीमा बीमा निगम जैसे संस्थानों से कर्ज लिया है । यह जनता का पैसा है, इसलिए इसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराई जानी चाहिए।

सभापति जगदीप धनखड़ में सुबह जब राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा फिर से शुरू कराने की घोषणा की तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. केशवराव, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और शिवसेना के संजय राऊत अपनी सीटों पर खड़े हो गए और कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा करानी चाहिए। श्री धनखड़ ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि अभिभाषण पर चर्चा शुरू कराने का निर्णय कल ही हो गया था इसलिए आज शून्यकाल और प्रश्नकाल के स्थान पर चर्चा होगी। इस पर तेलंगाना राष्ट्र समिति, शिवसेना और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने शोर-शराबा करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

आरोप सिद्ध होने पर ही जेपीसी का गठन: गोयल

नयी दिल्ली: कांग्रेस के हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाये जाने की मांग पर राज्यसभा में सदन नेता पीयूष गोयल ने आज कहा कि इस समिति का गठन आरोप सिद्ध होने पर या सरकार के विरूद्ध किसी आरोप को लेकर किया जाता है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच जेपीसी से कराने की कई बार मांग की जिस पर श्री गोयल ने कहा कि कोई आरोप सिद्ध होने पर ही जेपीसी का गठन किया जाता है।

इसके साथ ही सरकार पर कोई विशेष आरोप हो तब इस समिति का गठन किया जाता है।  उल्लेखनीय है कि देश में अब तक अलग अलग मामलों को लेकर सात बार जेपीसी का गठन किया जा चुका है।

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